कैप्टन अमरिन्दर सिंह के लुधियाना के सिटी सैंटर सकैम, अमृतसर इम्परूवमैंट ट्रस्ट घोटाले और राणा गुरजीत के रेत खड्ढ नीलामी घोटाले खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे आम आदमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान, विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल खहरा और लोक इन्साफ पार्टी के प्रधान सिमरजीत सिंह बैंस समेत अन्य विधायकों और नेताओं को पुलिस ने एम.एल.ए होस्टल के बाहर ग्रिफतार कर लिया। पुलिस के साथ भीड़ंत में आप नेताओं को ग्रिफतार कर सैक्टर 17 के थाने में ले जाया गया।विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खहरा ने 30 अगस्त को चण्डीगढ़ में पत्रकारों को संबोधन करते कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सुझाव दिया था कि या तो वह पंजाब के मुख्य मंत्री के तौर पर इस्तीफा दें या अपने भ्रष्टाचार के मामले को सीबीआई के हवाले कर दें। इस चेतावनी के बावजूद भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस मामले में कभी कोई कदम नहीं उठाया था। जिस कारण आम आदमी पार्टी को उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की नौबत आ गई।आप वर्करों को संबोधन करते पार्टी प्रधान भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन और बादलों का जारी गठजोड अब लोगों के सामने जगजाहिर हो गया है क्योंकि यह दोनों एक दूसरे को बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों के नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं परंतु लोगों की आंखों में घटा डालने के लिए झूठे जांच कमीशन बना कर उनसे कालीन चिट्ट ले लेते हैं। उन्होंने सवाल किया कि यदि बिक्रम मजीठिया, तोता सिंह, आदेश प्रतार कौरों और अन्य अकाली नेता भ्रष्टाचार के मामले में कालीन चिट्ट प्राप्त कर चुके हैं तो पिछले 10 सालों दौरान पंजाब को लूटा किसने है।
मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस को अकाली दल की तरह पंजाब को लूटने नहीं देगी उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता और वालंटियर विधान सभा के अंदर और बाहर भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली सरकार ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज करके विधान की समिति की रिपोर्ट के आधार पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह को विधायक के पद से बरखास्त कर दिया था परंतु उसी सरकार ने ही 2016 में कैप्टन को उसी मामले में कालीन चिट्ट दे दी थी। उन्होंने कहा कि इससे साफ सिद्ध होता है कि दोनों राजसी परिवार आपस में मिले हुए हैं और मिल कर पंजाब को लूटने का कार्य कर रहे हैं।विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खहरा ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के मुख्य मंत्री रहते अमृतसर इम्परूवमैंट ट्रस्ट और लुधियाना सिटी सैंटर सकैम की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती क्यों जो कैप्टन अमरिन्दर सिंह खुद विजीलैंस के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि मोहाली की अदालत ने अमृतसर इम्परूवमैंट ट्रस्ट केस में विजीलैंस ब्युरो द्वारा केस को बंद करने सम्बन्धित पेश की अर्जी को रद्द करते अदालत ने कहा था कि यह रिपोर्ट तथ्यों के बिना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि अदालत भी इस बात को कबूलती है कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह इस घोटाले में शामिल हैं।विरोधी पक्ष के नेता ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने चुनाव मनोरथ पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टोलरैंस ’ का वायदा किया था परंतु अब वह अपने भ्रष्ट मंत्री राणा गुरजीत खिलाफ कोई कार्यवाही करने से बच रहे हैं और बल्कि उन को इस मामले में बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेत खड्ढ घोटाले मामलो में जस्टिस नारंग कमीशन द्वारा पेश की रिपोर्ट झूठ का पुलंदा और राणा गुरजीत को बचाने की कार्यवाही मात्र ही है।खहरा ने एक बार फिर दोहराते कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह या तो मुख्य मंत्री के तौर पर इस्तीफा दें या अपने भ्रष्टाचार के मुकदमे को सीबीआई के हवाले करें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खिलाफ अपने वायदे को पूरा करते वह बिना किसी देरी से राणा गुरजीत को मंत्री मंडल में से बाहर निकाल।