'सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में ग़ैर सरकारी संगठनों की अहम भूमिका होती है और उनको समाज के दबे-कुचले वर्गों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने प्रति अपनी नैतिक और सामाजिक जि़म्मेदारी समझनी चाहिए। यह विचार पंजाब के वन एवं वन्य जीव सुरक्षा, अनुसूचित जातियों और पिछड़ीं श्रेणियों के कल्याण और प्रिंटिंग और स्टेशनरी मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने आज यहाँ अरुणा आसफ अली यादगारी ट्रस्ट की तरफ से लोक सेवा के 20 वर्ष पूरे करने के अवसर करवाये एक समागम को संबोधन करते प्रकट किये।स. धर्मसोत ने अपने संबोधन में ग़ैर संगठित क्षेत्रों में काम करते दलितों और कामगार वर्ग के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ख़ुशी प्रकट की कि अरुणा आसफ अली ट्रस्ट की तरफ से बिना किसी जाति-पात और धर्म के भिन्नताओं का ध्यान रखते हुये समाज के आर्थिक रूप के साथ पिछड़े वर्गों की भलाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।उन लोगों को पंजाब के पुनर्निर्माण में हिस्सेदार बनने का आह्वान करते हुये कहा कि पंजाब को फिर से विकास के प्रत्येक क्षेत्र में नंबर एक का राज्य बनाने के लिए प्रत्येक को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने संतोष प्रकट किया कि अरुणा आसफ अली ट्रस्ट की तरफ से बीते दशक में 7 हज़ार से ज़्यादा लड़कियों को कंप्यूटर, ब्यूटी कल्चर और स्टिचिंग और टेलरिंग आदि विषयों में व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान कि या गया है। इससे फ़ायदा उठाते हुए कई लड़कियां रोजग़ार हासिल करने में सफल भी हुई हैं। ट्रस्ट की तरफ से पंजाब के गांवों में सुविधांए से वंचित लड़कियों को कलाकार बनाने के क्षेत्र में प्रशंसनीय काम किया जा रहा है और इसके साथ ही घरों में काम करते और कूड़ा -कर्कट उठाने का काम करते परिवारों के साथ संबन्धित झुग्गी झौंपडिय़ों में रहते बच्चों के लिए स्कूल भी चलाए जा रहे हैं।