देश में गौहत्या पर अपनी बात रखते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं है। भारत में बहुसंख्यक समाज की आस्था गौ माता में है। आस्था के साथ खिलवाड़ उचित नहीं है, लेकिन गौहत्या रोकने के लिए किसी इंसान की हत्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गौरक्षा का उत्तरदायित्व किसी की हत्या करने से पूरा नहीं होगा। गौ माताएं कूड़ा-कचरा खा रही हैं, निराश्रित होकर घूम रही हैं, दूध दोहन के बाद उसे भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है, पहले इसे रोकने की आवश्यकता है। साध्वी ने कहा, "हम लोग भी कम दोषी नहीं हैं, टूटे कांच का टुकड़ा अगर किसी रसोईघर से फेंके गए कचरे में होता है, तो भटकती गाय उसे खाती है, कागज और प्लास्टिक भी खा लेती है। कसाई तो उसे एक बार काटता है, लेकिन ये चीजें तो गौ माता को अंदर से लगातार काटती रहती हैं।"
तीन दिवसीय मंगल मानस अनुष्ठान के लिए रायपुर आईं साध्वी ऋतंभरा ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुलाकात की। उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश मोदी भी थे। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और महापौर प्रमोद दुबे सभी अनुष्ठान के शुभारंभ पर सपत्नीक पहुंचे। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि बचपन को प्यार की जरूरत होती है। जो बचपन में प्यार नहीं पाता, वह जवानी में विध्वंसक हो जाता है। हम बच्चों को दया पर आधारित शब्दों का प्रयोग जैसे बेचारा, अनाथ आदि से संबोधित करते हैं, जो उनके साथ अन्याय है। वात्सल्य आश्रम में रहने वाले बच्चों के बारे में उन्होंने कहा कि किसी को संन्यास की ओर नहीं ले जाया जाता। आश्रम में रहने वाले बच्चे पढ़ते हैं, उनकी शादी भी होती है और वे अपना जीवन जीते हैं।