भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक सरकार की तर्ज पर बिहार के किसानों के ऋण (कर्ज) माफ करने की मांग की है। मोदी ने गुरुवार को कहा कि बिहार सरकार को भी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक सरकार की तर्ज पर किसानों के कर्ज को माफ करना चाहिए। कृषि रोड मैप के असफल होने तथा किसानों की ऊपज की खरीद नहीं होने से बिहार के किसानों की हालत खस्ता है। उन्होंने कहा, "बिहार के 39 लाख किसानों पर 21,615 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने एक-एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर जहां दो करोड़ किसानों को राहत दी है, वहीं कर्नाटक ने भी 50 हजार रुपये तक के ऋण को माफ कर 22 लाख किसानों का लाभ पहुंचाया है। बिहार सरकार को भी 39 लाख किसानों के हित में कर्जमाफी का निर्णय लेना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की तरह किसानों को ब्याजरहित ऋण भी उपलब्ध कराना चाहिए। भाजपा के नेता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "इस साल 90 लाख मीट्रिक टन धान के रिकार्ड उत्पादन होने के बावजूद राज्य सरकार मात्र 18 मेट्रिक टन ही खरीद पाई। डीजल अनुदान के भुगतान और कृषि यंत्रीकरण में भी सरकार विफल रही है। ऐसे में सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने के साथ ही उन्हें आगामी फसलों के लिए ब्याजरहित ऋण देना चाहिए।"सुशील मोदी ने हालांकि यह नहीं बताया कि वह मध्यप्रदेश में किसानों का कर्ज कब माफ करवाने जा रहे हैं, जहां उनकी पार्टी की सरकार है और 11 दिनों से रोजाना किसान आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुदनी में गुरुवार को एक किसान ने जहर खा लिया। मुख्यमंत्री के गृहजिले सीहोर में 11 दिनों के भीतर पांचवें किसान ने खुदकुशी की है। शिवराज की पुलिस ने छह जून को छह किसानों की जान ले ली थी।