उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि उप्र देश को प्रतिनिधित्व देने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि उप्र में अब शिक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां लोकभवन में उप्र बोर्ड परीक्षा, सीबीएसई बोर्ड परीक्षा और आईसीएसई बोर्ड में अव्वल आए राज्य के 147 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए यह बात कही। योगी ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की जिम्मेदारी माता-पिता की होती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र की प्रतिभा ने बोर्ड की परीक्षाओं में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने का काम किया है। यह उप्र सरकार का सौभाग्य है कि वह ऐसे प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर रही है।इस मौके पर उप्र सरकार की तरफ से 147 मेधावी छात्र-छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार के तहत एक लाख रुपये और टैबलेट तथा प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम निराशाजनक होने के कारण उनके मन में डर पैदा हो गया था। उन्होंने कहा, "बिहार बोर्ड परीक्षा के परिणाम देखकर मैं डर गया था। लेकिन उप्र के नतीजों ने मेरी शंका दूर कर दी। हमारी सरकार को आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए थे और परीक्षाओं में नकल को लेकर काफी हल्ला मचा हुआ था। लेकिन जिस तरह के नतीजे आए उससे संतुष्टि का भाव पैदा हुआ है।"योगी से पूर्व कार्यक्रम में मौजूद उपमुख्यमंत्री और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने भी कहा कि सरकार बच्चों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड और आईसीएसई बोर्ड में अव्वल आए उप्र के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया जा रहा है।शर्मा ने यह भी कहा कि सरकार ने तय किया है कि जल्द ही उप्र में 166 स्कूलों को दीन दयाल उपाध्याय मॉडल स्कूल के तौर पर विकसित करने का काम किया जाएगा।