उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दलितों के साथ 'सहभोज' को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राजनीतिक नाटकबाजी करार दिया है। मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह सभी जानते हैं कि इन सब दिखावटी व बनावटी कामों से न तो भाजपा का वर्षो पुराना दलित व पिछड़ा वर्ग-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरा बदलने वाला है और न ही इससे खासकर दलित समाज का सही मायने में कुछ कल्याण व उत्थान होने वाला है।मायावती ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा, "खासकर दलितों के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की नीयत व नीति में यदि थोड़ी भी सच्चाई व ईमानदारी होती तो सहारनपुर का जातीय दंगा कभी भी इतना गंभीर रूप धारण नहीं करता और न ही उनके ऊपर जुल्म-ज्यादती पक्षपातपूर्ण तरीके से जारी रहती।" मायावती ने कहा, "दलित व अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लोग आज भी उपेक्षा के शिकार हैं। यही कारण है कि दलितों और पिछड़ा वर्ग समाज के सम्मान में बनाए गए स्मारक व पार्क भी सरकारी उपेक्षा का शिकार है।"