आर्यंस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, चंडीगढ़ ने नर्सिंग: मन, शरीर और आत्मा का बैलेंस विषय पर आज आर्यंस कैंपस में अन्र्तराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया। नर्सिंस डे, फलोरेंस नाईटंगेल की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्हे व्यापक रूप से मॉडर्न नर्सिंग की संस्थापक माना जाता है। आर्यन्स ग्रुप के चेयरमैन, डॉ अंशु कटारिया ने प्रोग्राम की अध्यक्षता की।कार्यक्रम की शुरूआत लैम्प लाईटनिंग के साथ हुई। विद्यार्थियों ने इस जयंती को मनाने के लिए और समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी प्रदर्शित करने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन किया जिनमें शपथ समागम, डिबेट, पेन्टिंग प्रतियोगिता, सांस्कृतिक गतिविधियां आदि शामिल है।नर्सिंग के विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वह अपने प्रोफैशन्स के साथ अपनी पढाई के दौरान और कोर्स पूरा होने के बाद समाज की सेवा व अपने कार्य को पूरी ईमानदारी से करेंगे। कैसे अध्ययन के दौरान और प्रोफैशन में मन, शरीर और आत्मा में लगातार परिवर्तन को नियन्त्रित किया जा सकता है, इस विषय पर एक डिबेट करवाई गई जिसमें विद्यार्थियों ने अपने विचार सांझे किए।
डॉ रमन रानी गुप्ता ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि नॢसस का स्वास्थय क्षेत्र में एक अहम योगदान होता है, जो कि इंसानी वजूद में सेवा भावना से जुड़ा क्षेत्र है। उन्होंने आगे कहा कि हर इंसान को बीमारी की हालत में स्वास्थय की देखभाल के लिए नर्स की जरुरत होती है, जो कि अपनी मेहनत व सेवा के साथ एक बीमार व्यक्ति को तंदरुस्त कर देती है।मिस पारूल गुलेरिया, एचओडी, आर्यन्स इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग(एआईएन) ने विद्यार्थियों द्वारा समाज की सेवा के लिए किए गए प्रयासों की भरपूर सराहना की। उन्होने शपथ लेने वाले इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों से समाज की सेवा के लिए पूरे समर्पण के साथ कडी मेहनत करने और रोगियों के उपचार के दौरान उनकी देखभाल से अपनी उपस्थिति का अहसास करवाने की अपील की।इस प्रोग्राम में आर्यन्स के एएनएम और जीएनएम के विद्यार्थियों और फैकल्टी मैम्बर्स ने भाग लिया जिनमें डॉ रमन रानी गुप्ता, प्रिंसीपल; मिस सुखअमन बाठ, रजिस्टरार; मिस पारूल गुलेरिया, एचओडी आदि शामिल है।