कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को वूमेन इकॉनॉमिक फोरम में 100 से अधिक देशों से भाग ले रही 2000 महिलाओं के एक बड़े समूह के साथ चर्चा करते हुए कहा कि भारतवर्ष में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 33 प्रतिशत का आरक्षण है और संसद में भी ऐसा ही आरक्षण करवाने के प्रयास चल रहे हैं। दिग्विजय ने वूमेन इकॉनॉमिक फोरम जैसे बड़े आयोजन के लिए इसकी वैश्विक अध्यक्ष डॉ. हरबीन अरोड़ा को बधाई देते हुए कहा कि वह महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे आयोजन में हमेशा शिरकत करते रहेंगे।मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा, "भारतवर्ष गौतम बुद्ध, महावीर और महात्मा गांधी की भूमि है, जो सत्य, प्रेम और अहिंसा में विश्वास रखते थे। महात्मा गांधी का संदेश आज भी प्रासंगिक है और यदि हम मानव मात्र की प्रगति चाहते हैं तो वह हिंसा से नहीं, बल्कि प्यार से ही संभव है। हमें एक-दूसरे के विचारों का आदर करना होगा। यही प्रगति का मूल मंत्र है।
"वूमेन इकॉनॉमिक फोरम भिन्न-भिन्न जीवन-क्षेत्रों के संदर्भ में पारस्परिक विमर्श, सीखने और महिला सशक्तिकरण का अद्भुत मंच है, जो उन्हें विश्व भर में संपर्क बनाने और व्यावसायिक नेटवर्किं ग का अवसर प्रदान करता है।इस कार्यक्रम में विश्व की कुछ सफलतम एवं प्रतिष्ठित वक्ता भिन्न-भिन्न विषयों पर अपने विचारों से अवगत करवा रहे हैं।इनमें अदिति राव हैदरी, परनिया कुरैशी, बरखा दत्त, विक्रम चंदा, कृषिका लुल्ला, सुभाष घई, फैब इंडिया के प्रबंध निदेशक विलियम बिसैल, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा, फेसबुक के भारत व दक्षिणी एशिया के प्रबंध निदेशक उमंग बेदी, इंडियन एंजेल नेटवर्क की अध्यक्षा पद्मजा रूपारेल सहित कई अन्य वक्ता शामिल हैं।इसमें बाबा रामदेव, केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री थावर चंद गहलोत व कपिल सिब्बल सहित कई नामी-गिरामी लोग भाग ले रहे हैं।इस सम्मेलन में व्यवसाय, आर्थिक, राजनीति, सामाजिक एवं आध्यात्मिक विषय पर कई-कई सत्र होंगे। महिलाओं द्वारा विचार-नेतृत्व एवं पारस्परिक सशक्तिकरण, सामुदायिक विकास, अभिनव उपलब्धियों, स्वास्थ्य, स्थानीय वातावरण में योगदान क सामान्य तरीकों सहित, वैश्विक महिला राजनीतिज्ञों द्वारा व्यक्तिगत नेतृत्व आदि पर विमर्श जारी है।