तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु विधानसभा में उनकी सरकार जल्द ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पेश करेगी। नीति आयोग की शासी परिषद की तीसरी बैठक में उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी विधेयक को पारित किए जाने को अप्रत्यक्ष करों में ऐतिहासिक सुधार करार देते हुए कहा कि तमिलनाडु जीएसटी परिषद की परिचर्चा में सक्रिय भागीदारी करता रहा है, ताकि राज्यों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।उन्होंने कहा, "तमिलनाडु लगातार प्रस्तावित जीएसटी के कारण राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा उठाता रहा है। साथ ही उत्पादन और निर्यात पर निर्भर तमिलनाडु जैसे राज्यों को राजस्व में होने वाले भारी घाटे का भी मुद्दा उठाता रहा है।"पलनीस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार को जीएसटी के लागू होने के चलते राज्यों को होने वाले घाटे की भरपाई मुआवजे के रूप में करते हुए यह भी सुनिश्चित करना होगा कि संसाधनों का केंद्र से राज्यों की ओर स्थानांतरण प्रभावित न हो, क्योंकि राज्यों को केंद्र से मिलने वाले अनुदान में यदि कोई भी कटौती होती है तो राज्यों द्वारा विकास पर होने वाला खर्च बुरी तरह प्रभावित होगा।पलनीस्वामी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को राज्य सरकारों द्वारा अपने लिए तैयार की गई विकास योजनाओं के अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार को सभी के लिए एक रणनीति वाले मॉडल पर नहीं चलना चाहिए, बल्कि राज्यों को उनके अधिकार क्षेत्र में अपनी प्राथमिकताएं तय करने और उसके संचालन की आजादी देनी चाहिए।"