निर्वाचन आयोग द्वारा चेन्नई की आर.के. नगर सीट के लिए 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने के बाद देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए पूछा कि आर.के. नगर के मतदाताओं को बांटा गया धन क्या वैध था? निर्वाचन आयोग ने यह घोषणा सत्तारूढ़ एआईएडीएमके पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करके मतदाताओं को रिश्वत देने के आरोप लगने के बाद की।चिदंबरम ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या नोटबंदी के कारण भारत में सचमुच काला धन समाप्त हो गया है?चिंदबरम ने एक ट्वीट में कहा, "हमें बताया गया था कि नोटबंदी से काले धन पर लगाम लग गई है। आर.के. नगर के मतदाताओं को बांटा गया धन काला था या सफेद?"'
निर्वाचन आयोग ने रविवार देर रात को एक आदेश में कहा था कि अब मतदान तभी होगा 'जब मतदाताओं को लुभाने के लिए बांटे गए धन और उपहार का प्रभाव समय के साथ खत्म हो जाएगा और निर्वाचन क्षेत्र में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने के लिए सही माहौल होगा।'निर्वाचन आयोग का यह कदम आयकर विभाग द्वारा यह कहने के बाद आया है कि जेल में बंद वी.के. शशिकला के नेतृत्व वाले एआईडीएमके गुट ने मतदाताओं को 100 करोड़ रुपये बांटे हैं।आयकर अधिकारियों ने शुक्रवार को तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर, उनके रिश्तेदारों और करीबियों और व्यापारिक साझेदारों के घरों तथा व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की थी।आयकर अधिकारियों द्वारा छापेमारी के दौरान बरामद किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, इस निर्वाचन क्षेत्र में एक वोट के लिए 4,000 रुपये दिए गए।