सूबे की सत्ता से बेदखल होने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने संघर्ष करने का निर्णय लिया है। यह संघर्ष भाजपा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ होगा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को जिला-महानगर अध्यक्षों तथा राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष का संकल्प लिया। बैठक में अखिलेश यादव ने कहा, "मैं जन्म से, कर्म और विचार से समाजवादी हूं। सपा सरकार ने कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम किया है। हमारा संघर्ष समानता और न्याय का है।"उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की बात करने वाली भाजपा द्वारा जनता को धोखा देने का क्रम आज भी जारी है। कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश ने कहा कि राज्य में दुष्कर्म, हत्याओं और लूट की वारदातों में वृद्धि हुई है। केंद्र को भी अपने विकास का ब्योरा देना होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा सत्ता का दुरूपयोग न करे, अहंकार ठीक नहीं है। लोकतंत्र में चक्र घूमता रहता है।अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा, "चुनाव परिणामों से निराश न हों। हमें फिर जनता के बीच जाना होगा। क्योंकि वहीं से असली ताकत मिलती है। पार्टी आगामी नगर निकाय के चुनावों में भाग लेगी। सदस्यता अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा। हमारे सामने अब 2019 का लक्ष्य है। भाजपा और आरएसएस ने अफवाहों और षड्यंत्र के जरिए सत्ता हासिल की है। हम इनका मुकाबला करेंगे।"इस दौरान मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, राम गोविंद चौधरी (नेता प्रतिपक्ष), अहमद हसन, बलराम यादव, एसआरएस यादव, अरविंद कुमार सिंह, राजकुमार मिश्र, अभिषेक मिश्रा, डॉ. मधु गुप्ता, कर्नल सत्यवीर सिंह, राजपाल सिंह, डॉ. फिदा हुसैन अंसारी, हरिद्वार दूबे उपस्थित रहे।