देश के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2017-18 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ऋण दर यानी रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। यह लागातार तीसरी बार है जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को बढ़ाकर छह फीसदी कर दिया है। आरबीआई ने बयान जारी कर कहा, "एलएएफ (लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी) के तहत रिवर्स रेपो दर 6.0 फीसदी है जबकि एमएसएफ (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) दर और बैंक दर 6.50 फीसदी है।" आरबीआई बयान के मुताबिक, "मौजूदा समय में महंगाई ग्राफ के आसपास जोखिम संतुलित हैं। महंगाई से जुड़े घटनाक्रमों पर करीब से और सतत नजर रखी जानी चाहिए।"बयान के मुताबिक, "उत्पादन और मांग के बीच अंतर धीरे-धीरे कम हो रहा है। नतीजतन, मांग का दबाव बन सकता है।"आरबीआई ने फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी ब्याज दरों को 6.25 फीसदी को यथावत रखा था।