आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता एच.एस. फूलका ने बार कौंसिल आफ इंडिया को एक पत्र लिख कर बताया कि क्यों जो वह पंजाब में विरोधी पक्ष के नेता चुने गए हैं जो कि कैबिनेट मंत्री के बराबर का पद है इस लिए उन्हों ने अपनी प्राईवेट वकालत छोड़ दी है।फूलका ने पत्र में लिखा कि वह पिछली 30 सालों से 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों का केस लड़ रहे हैं, इस लिए कौंसिल उनको वह केस बिना किसी पैसे से लडऩे की इजाजत दे। उन्होंने कहा कि क्यों जो यह केस एक नाजुक मोड़ पर हैं इस लिए वह इसको बीच में नहीं छोड़ सकते।जितना समय बार कौंसिल फूलका को यह केस लडऩे की इजाजत नहीं देती तब तक वह कोर्ट कंपलैक्स में उपस्थित रह कर वकीलों की टीम का नेतृत्व करते रहेंगे। आज भी जगदीश टायटलर के साथ सम्बन्धित केस दौरान वह कडक़डुंमा कोर्ट में उपस्थित थे, जहां कि एडवोकेट प्रभसहाय कौर पीडि़त पक्ष की तरफ से वकील के तौर पर पेश हुई थी।