कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार के प्रशासकीय सुधार के एजेडे के हिस्से के रूप में पंजाब मंत्रीमंडल ने जनरल एडवोकेट के कार्यालय के कार्य में पारदर्शिता लाने और नियुक्तियों को दरूस्त करने के लिए एक प्रारूप बिल को स्वीकृति दे दी है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की स्वीकृति अधीन हुई मंत्रीमंडल की बैठक दौरान पंजाब राज्य पावर कारपोरेशन लि. (पीएसपीसीएल) के जत्थेबंदक ढांचे को मजबूत व ओर प्रभावशाली बनाने के लिए कारपोरेशन के चेयरमैन कम प्रबंधकीय निदेशक (सीएमडी) के पद के लिए योग्यता व अनुभव हेतू कुंजीवत संशोधन को भी स्वीकृति दे दी है।एक सरकारी प्रवक्ता अनुसार 'दी पंजाब लॉ आफिसर्ज (इंगेजमैंट)एक्ट 2017 विधान सभा के चल रहे समागम दौरान सदन में पेश किया जाएगा। जिस के प्रारूप को आज सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय में नये मंत्रीमंडल की हुई दूसरी बैठक दौरान स्वीकृति दी गई।इस प्रस्तावित कानून की अन्य जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस का उदेश्य एडवोकेट जनरल के कार्यालय के लिए लॉ अधिकारियों की सेवाएं पूरी तरह मेरिट के आधार पर प्राप्त करने के लिए प्रभावी विधि विधान तैयार करना है। भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने दिशा निर्देश दिये हुये है।
इस बिल को कानून बनने के बाद सीनियर एडवोकेट जनरल, अतिरिक्त एडवोकेट जनरल, सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल, डिप्टी एडवोकेट जनरल, सहायक एडवोक ेट जनरल व एडवोकेट आन रिकार्ड की नियुक्ति में अधिक पारदर्शिता आएगी।मंत्रीमंडल के लिए गये फैसले से अब पंजाब राज्य पावर कारपोरेशन लि. का सीएमडी एक आईएएस अधिकारी होगा जो प्रमुख सचिव या इससे उपर के रैंक का अधिकारी होगा। उसके लिए बिजली क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव भी जरूरी होगा।इस दौरान मंत्रीमंडल ने उपरोक्त पद के लिए योग्यता व अनुभव व शर्ता में संशोधन को भी स्वीकृ ति दे दी है। इसके लिए प्रारभिंक योग्यता सिविल इंजीनियरिंग , इलैक्ट्रानिक व कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमैंटल इंजीनियरिंग व इनफरमेशन टक्रोलोजी होगी। इस के अतिरिक्त सीएमडी के पद के लिए सैट्रल इलैक्ट्रीसिटी अथारटी का अनुभव स्वीकृत योग्य होगा।एक अन्य निर्णय लेते हुये मंत्रीमंडल ने इंस्पैक्टर जनरल आफ पुलिस (सेवानिवृत)श्री खूबीराम की मुख्यमंत्री के सुरक्षा सलाहकार के रूप में एडीशनल डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (एडीजीपी) के रैंक की सेवाएं प्राप्त करने को भी स्वीकृति दे दी है। उनका रूतबा , वेतन, भत्ते, अधिकार आदि सब एडीजीपी के बराबर होगें।