पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से पानी की एक भी बूंद बर्बाद ना करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने तेजी से पानी का स्तर में गिरावट रोकने के लिये उच्च स्तरीय संभावी तकनीकों का प्रयोग करने के लिये कहा है ताकि मानवता की भलाई के लिये प्राकृतिक स्त्रोत को बचाया जा सके।जल दिवस अवसर अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन निर्वाह एवं राज्य निर्वाह के लिये पानी बचाने के महत्व पर जोर दिया।दुनिया में अनेकों युद्वों के लिये पानी को मुख्य कारण बताते हुये और पंजाब में आंतकवाद के लिये मुख्य कारक होने का संकेत करते हुये कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में पानी का स्तर नीचे जाने पर चिंता व्यक्त की जहां कुल 138 जल ब्लॉकों में से 110 ब्लॉकों में कृषि के लिये सीमा से अधिक पानी का प्रयोग किये जाने के कारण स्थिति बहुत अधिक चिंता जनक हो गई है और यह ‘डार्क जोन’ बन गये हैं। इनमें से 45 ब्लॉकों को केंद्र सरकार द्वारा ‘नाज़ुक’ घोषित किया गया है । उन्होंने पानी की संभाल के लिए व्यापक राष्ट्रीय नीति तैयार किए जाने की जरुरत पर बल दिया।
पानी पर बढ़ रहे दबाव के चलते जमीन का बड़ा भाग कृषि योग्य न रहने व बंजर हो जाने के संदर्भ में मुय मंत्री ने अपने संदेश में एक बहुमुल्य स्त्रोत को व्यर्थ में जाने से रोकने के लिए लोगों से सहयोग की मांग की।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के हर एक नागरिक को पीने के लिए साफ व सुरक्षित पानी आसानी से मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने इस संबंध में माझा क्षेत्र के पानी से वंचित ग्रामीण क्षेत्र की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने सरकार के संबंधित विभागों को पानी को संभालने की तकनीक अपनाने के लिए निर्देश दिए, जिनमें पानी को संभालना , फसली चक्र में तबदीली लाना, पानी बचाने वाली तकनीक का बड़े स्तर पर प्रयोग करना और पानी की उपलब्धता में बढ़ोतरी करना शामिल है। मुय मंत्री ने संबंधित विभाग को बढिय़ा सिंचाई के लिए लोगों को जागरूक करने के भी आदेश दिए।कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में पानी संरक्षण मुहिम में प्रदेश सरकार अलग अलग जिलों व गांव स्तरीय संस्थाओं को शामिल करने लिए पहल करेगी तांकि पानी की संभाल मुहिम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या से निपटने के लिए अगर नीति में कोई तबदीली की जरुरत हुई तो वह भी की जाएगी।