पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने बुधवार को मुक्तसर जिले में लांबी विधानसभा क्षेत्र से नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल से सीधे तौर पर राजनीतिक लड़ाई का ऐलान कर दिया। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी व नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भी बुधवार को पूर्वी अमृतसर सीट से पर्चा दाखिल किया, जो एक लंबे अर्से तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में रहने के बाद रविवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।लांबी साल 1997 से ही बादल की परंपरागत सीट रही है। अमरिंदर ने बुधवार को यहां से पर्चा दाखिल कर पंजाब में बड़ी राजनीतिक लड़ाई का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं वादा करता हूं कि बादल को उनके ही घर में हराऊंगा। तब तक मैं आराम नहीं करूंगा।"
चंडीगढ़ से 280 किलोमीटर दूर मलोट कस्बे में नामांकन दाखिल करने के बाद अमरिंदर ने एक बड़े जुलूस का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, "मैंने पंजाब की राजनीति से बादल का सफाया करने की कसम खाई है और उन्हें सबक सिखने के लिए लांबी आया हूं।"उन्होंने कहा, "हम भविष्य के सभी मुख्यमंत्रियों के लिए एक उदाहरण तय करेंगे कि वे लोगों को परेशान करने के लिए उस तरह अपनी सत्ता का दुरुपयोग न करें, जैसा कि बादल ने किया है। न तो प्रकाश सिंह बादल और न ही उनके रिश्तेदारों को उनकी गलतियों के लिए बख्शा जाएगा, जिसकी वजह से पंजाब आज दयनीय स्थिति में पहुंच गया है।"वहीं, भाजपा से कांग्रेस में शामिल होने के बाद अमृतसर पूर्व से पर्चा दाखिल करने वाले सिद्धू ने कांग्रेस में शामिल होने को 'घरवापसी' करार दिया।
पूर्व में पंजाब विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर करती थीं।अपना नामांकन दाखिल करने के बाद सिद्धू ने कहा, "इस बार पंजाब, पंजाबियात और पंजाब के लोगों की जीत होगी।"सिद्धू ने कहा, "मैं इस बार हर पंजाबी को पंजाब के लिए और राज्य में धर्म की स्थापना के लिए मतदान करने को कहूंगा।"उन्होंने कहा, "मेरी लड़ाई पंजाब के भले के लिए है। कप्तान अमरिंदर सिंह हमारे अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं और मैं उनका सैनिक हूं।"सिद्धू 2004 , 2007 (उपचुनाव) और 2009 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे।पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों के लिए चार फरवरी को मतदान होंगे।