मर्केल की शरणार्थी नीति विनाशकारी : डोनाल्ड ट्रंप
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बर्लिन , 16 Jan 2017
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जर्मनी के एक दैनिक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की शरणार्थी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 2015 में करीब 8,90,000 शरणार्थियों को अपने देश में शरण देने का उनका फैसला एक 'विनाशकारी भूल' थी। ट्रंप ने साथ ही कहा कि नाटो अप्रासंगिक हो गया है।उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने इन अवैध लोगों (शरणार्थियों) को आने की इजाजत देकर एक भयानक भूल की है।"ट्रंप ने हालांकि साथ ही कहा कि उनके मन में मर्केल के लिए बेहद सम्मान है।समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ट्रंप ने साक्षात्कार में कहा कि वह 28 सदस्यीय अटलांटिक गठबंधन (नाटो) को 'बेहद महत्वपूर्ण' मानते हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि उसे दशकों पहले गठित किया गया था और वह खुद को खासतौर से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई से जोड़ नहीं पाया है।
ट्रंप ने कहा कि गठबंधन के कई सदस्य सुरक्षा के लिए अपनी जीडीपी में से आवश्यक हिस्से का निवेश नहीं कर रहे हैं।ट्रंप ने कहा, "देश अपना उचित हिस्सा नहीं दे रहे। केवल पांच देश ही आवश्यक राशि दे रहे हैं। यह काफी नहीं है।"ट्रंप ने कहा कि यह अमेरिका के प्रति अन्याय है।ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने से पांच दिन पूर्व मर्केल को एक 'शानदार नेता' कहकर उनकी सराहना की, लेकिन उन्होंने साथ ही शरणार्थी नीति के लिए उनकी कड़ी आलोचना भी की।ट्रंप ने ब्रिटेन के 'ब्रेक्सिट' (यूरोपीय संघ से अलग होने) के निर्णय को भी सही कहा। उन्होंने कहा कि भविष्य में और भी देश ईयू से अलग हो जाएंगे, क्योंकि लोग और देश दोनों ही अपनी अलग पहचान चाहते हैं और नहीं चाहते कि विदेश से अन्य लोग अवैध रूप से उनके क्षेत्र में आएं।ट्रंप ने अमेरिका की सीमाओं पर नियंत्रण मजबूत करने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने इस संभावना से भी इंकार नहीं किया कि इससे यूरोपीय भी प्रभावित हो सकते हैं।