Saturday, 11 May 2024

 

 

खास खबरें सुजानपुर में भाजपा प्रत्याशी राजिंदर राणा के समर्थन में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष एन.के.शर्मा ने पटियाला में रैली कर किया शक्ति प्रदर्शन ट्रैक्टर पर सवार होकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे एन.के.शर्मा देश में जनता का शासन बहाल करने के लिए कांग्रेस को लाओ -गुरजीत औजला 14 परिवारों ने थामा कांग्रेस का हाथ, आप को अलविदा सीपीआई एम.एल. (लिबरेशन) ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार गुरजीत औजला को समर्थन देने की घोषणा की पंजाब पुलिस ने 48 घंटों के अंदर सुलझायी बाऊंसर हत्या कांड की गुत्थी; लक्की पटियाल गैंग के दो शूटर पुलिस मुठभेड़ के उपरांत काबू जेल की सलाखों के पीछे जाएंगे बिके हुए विधायक : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ओबराय के प्रयासों से तरनतारन जिले के युवक का शव भारत पहुंचा लोकसभा चुनाव एवं विस उपचुनाव बेईमानी और ईमानदारी के बीच एक जंगः सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू चंडीगढ़ में भी आम आदमी पार्टी हुई मजबूत, अकाली दल बादल को लगा बड़ा झटका! सनौर निर्वाचन क्षेत्र ने हमेशा हमारे परिवार को पूरा समर्थन दिया है - प्रणीत कौर भगवंत मान ने लुधियाना लोकसभा से आप उम्मीदवार अशोक पराशर पप्पी के लिए जगराओं में किया चुनाव प्रचार भगवंत मान ने शाहकोट में जालंधर से उम्मीदवार पवन कुमार टीनू के लिए किया प्रचार, कहा - धोखेबाजों को जालंधर की जनता जवाब देगी केंद्र में अगली सरकार AAP के समर्थन से बनेगी : मीत हेयर विजय इंदर सिंगला ने पंजाब और अपने निर्वाचन क्षेत्र आनंदपुर साहिब के लिए एक उज्जवल भविष्य का वादा किया लोकसभा के गैरहाजिर रहने वाले को वोट मांगने का अधिकार नहीं:एन.के.शर्मा अकाली दल छोड़ भाजपा में शामिल हुए मंडलाध्यक्ष एवं दर्जनों कार्यकर्ता वार्ड 13 के कांग्रेस उपाध्यक्ष नरेश पिनाणा अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल किसानों के सवाल कहां उठाए, वो बताएं आप नेता : गुरजीत सिंह औजला मोदी ने किसानों, जवानों को विफल किया : प्रताप सिंह बाजवा

 

गांधीजी राष्ट्रपिता हैं! ये कैसी नासमझी

Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

14 Jan 2017

शायद महात्मा गांधी को, परलोक में यकीन न हो कि उनका वो पुत्र जिसने शपथ ले रखी है संविधान रक्षा की, देश की एकता, अखंडता, अक्षुण्णता की, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को बनाए रखने की, आज खादी पेटेंट की बात करेगा, भारतीय करेंसी से तस्वीर हटाए जाने की बात कहेगा। काश! गांधीजी होते तो शायद वो स्वीकार ही नहीं करते कि उनकी तस्वीरें उपयोग की जाएं, लेकिन अफसोस कि देश को स्वतंत्रता दिलाने के कुछ ही महीनों बाद उनकी हत्या कर दी गई। यदि ऐसा न होता तो संभव है, उनकी बहुत सी प्रार्थनाएं, याचनाएं, निवेदन और मनुहारें सामने आ पातीं। गांधीजी खादी, नोट और हर उस जगह, जहां उनको आज की भाषा में ब्रांड एंबेस्डर बनाए जाने का ऐतराज कर चुके होते। गांधीजी नहीं हैं, लेकिन उनका देश के प्रति प्रेम कभी चुकेगा नहीं। यही कारण है कि सरकारें चाहे जिसकी रही हों, गांधीजी सबके लिए आदर्श रहे, प्रेरणा के स्रोत रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गांधीजी से प्रभावित हैं। उनके प्रेरक प्रसंगों और उद्गारों की चर्चा करते थकते नहीं। 

मोदीजी के स्वच्छ भारत मिशन का प्रतीक चिह्न भी तो गांधीजी का चश्मा ही है, जिसके एक कांच पर 'स्वच्छ' और दूसरे पर 'भारत' लिखा है। काश भाजपा नेता अनिल विज ने इस भावना को अपने चश्मे के बजाय प्रधानमंत्री के चश्मे से देखा होता।तरकश से निकला तीर और जुबान से निकले शब्द कभी वापस नहीं होते। अब भले ही, अपने कई विवादित बयानों के बाद फिर से विवादों में आए हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर कहा हो, "महात्मा गांधी पर दिया बयान मेरा निजी बयान है। किसी की भावना को आहत न करे इसलिए मैं इसे वापस लेता हूं।"शायद उन्हें यह पता नहीं कि जिस सोशल मीडिया का सहारा लेकर सफाई दे रहे हैं, उसी सोशल मीडिया पर उनका विवादित वीडियो भी वायरल हो रहा है। अनिल विज भूल गए कि मन की बात कहकर पलटने का मतलब देश समझता है, लोकतंत्र का रखवाला समझता है। मन की बात के मायने काश प्रधानमंत्री से पूछ लिए होते।यकीनन बयान वापसी से पहले के उनके शब्द बल्कि कहें कि उनकी अंतर आत्मा के उवाच "गांधीजी ने कोई खादी का ट्रेडमार्क तो करा नहीं रखा है। पहले भी कई बार उनकी तस्वीर नहीं लगी है। 

गांधीजी का तो नाम ही ऐसा है जिस चीज पर लग जाती है वो चीज डूब जाती है। रुपये के ऊपर लगी और रुपया हमारा डूबता ही चला गया।"संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को कितनी शोभा देता है, ये तो उनसे भी ऊंचे पदों पर बैठे लोग जानें। लेकिन उस बापू को, जिसको पूरे देश ने 'राष्ट्रपिता' स्वीकारा, जिसने बिना खड़ग, बिना ढाल आजादी का उपहार इस देश को दिया, उसके लिए यह सोच न केवल निंदनीय है, बल्कि शायद किसी को भी स्वीकार्य नहीं होगी। गांधीजी डायरी, कैलेंडर और खादी से ऊपर हैं, वो देश से भी ऊपर हैं, क्योंकि पिता एक ही होता है, वो तो देश के पिता हैं, राष्ट्रपिता! शायद अति उत्साह में या शीर्ष नेतृत्व का निगाहबन बनने के लिए माता-पिता को लज्जित करना काबिले माफी है या नहीं, नहीं पता। बस इतना पता है कि बापू ने कभी भी कुछ भी ट्रेडमार्क नहीं कराया। यहां तक कि लंगोटी, लाठी और चश्मा, खून से सनी मिट्टी, छलनी सीना और जर्जर शरीर तक यहीं छोड़कर चले गए। बावजूद, यह सब उनके नाम पर सियासत, यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है या स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति नहीं पता, पता है तो बस इतना, अगर वो जिंदा होते तो सुनते ही अनिल विज को बिना मांफी मांगे, माफ जरूर कर देते।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं) 

 

Tags: KHAS KHABAR

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD