युनिवर्सल गु्रप आफ इंस्ट्यूशनज के एनएसएस युनिट द्वारा विश्व एडस डे के अवसर पर एडस जैसी लाइलाज बीमारी संबंधी विद्यार्थियों को जागरुक करने के उद्देश्य से एक सैमिनार का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विद्यार्थियों द्वारा मोमबत्तियां जगाकर एडस से मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर विद्यार्थियों व अध्यापकों ने एचआईवी के जानलेचवा वायरस के फैलने के कारण व उनकी निशानी बारे विद्यार्थियों को जागरुक किया। एनएसएस के वालंटियरों ने जहां सिर्फ लोंगो को इस भ्यानक बीमारी के परिणाम बताए वहीं इसके शिकार लोगों के प्रति हमदर्दी रखने के लिए भी प्रेरित किया। इसके साथ ही इससे बचाव संबंधी भी जानकारी वितरित की गई। सैमिनार दौरान समूह विद्यार्थियों को समझाया गया कि एडस जैसी गंभीर बीमारी के बचाव के लिए लोगों को आगे आना चाहिए ताकि आने वाली पीढिय़ां इस भ्यानक व लाइलाज बीमारी से बच सकें। इसके साथ ही समूह विद्यार्थियों को इस बीमारी बारे प्रजेंटेशन भी दिखाई गई।
सैमिनार को संबोधित करते हुए युनिवर्सल गु्रप के चेयरमैन डा गुरप्रीत सिंह ने कहा कि दुनिया भर में हर वर्ष एचआईव व एडस से लगभग 3 लाख लोगों की मृत्यु होती है, इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए विश्वभर के लोगों को एकत्र होना होगा। भारत जैसा धार्मिक व पवित्र देश भी इस बीमारी से दो दो हाथ कर रहा है, जबकि पंजाब में भी इस बीमारी ने पैर पसार लिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को जागरुक करते हुए कहा कि एडस न सिर्फ लाइलाज बीमारी है, बल्कि इससे समाज में भी बहुत बदनामी होती है और समाज एडस से पीडि़त व्यक्ति को नकारना शुरू कर देता है, जो कि गलत बात है और इस तरह नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कालेज के विद्यार्थियों को नशे को भी समाज में से जड़ से खत्म करने के लिए प्रेरित किया।