उत्तर प्रदेश की राजधानी सहित समूचे प्रदेश में मंगलवार को भैया दूज पर्व उत्साह से मनाया गया। इस दौरान भाइयों के माथे टीकों से सजे दिखाई दिए। टीका लगाते हुए बहनों ने अपने भाइयों की सलामती की दुआ मांगी। दिनभर बहनों का अपने भाइयों के यहां टीका लगाने और बजरी खिलाने के लिए पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। सुबह से ही दुकानों पर खरीदारी करने के लिए महिलाओं और युवतियों का तांता लगा रहा। मिठाइयों से लेकर आकर्षक तोहफों की खरीदारी की गई। बहन-भाई के प्रेम को दर्शाता भैया दूज त्योहार धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र के लिए दुआ मांगी।इस त्योहार पर जितना उत्साह बहनों में दिखा, उतने ही भाई भी उत्साहित दिखे। भाइयों ने भी अपनी बहनों को स्नेह स्वरूप उपहार दिए।
बाजार में महिलाओं और युवतियों ने जमकर खरीदारी की। भाईदूज के रूप में मनाए जाने वाले त्योहार के लिए ऐसा माना जाता है कि दीपावली के बाद भाईदूज के दिन ही यमराज ने अपने बहन यमी के घर का रुख किया था, जहां पर यमराज की बहन यमी ने उनके माथे पर तिलक लगाकर उनकी सलामती के लिए दुआ मांगी थी। मान्यता है कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से माथे पर तिलक लगाता है वह कभी भी नरक में नहीं जाता है। एक अन्य दंत कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा के घर का रुख किया था, जहां पर कृष्ण की बहन सुभद्रा ने दिए जलाकर भाई का स्वागत किया था और तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की दुआ मांगी थी। वर्तमान में भी यह प्रथा चली आ रही है। माना जाता है कि दिवाली पर्व इस त्योहार के बिना अधूरा है। भैया दूज के दिन बड़ी संख्या में बहनों के अपने भाइयों के घर जाने के चलते वाहनों में काफी भीड़ रही। बसों में महिलाओं की भारी भीड़ देखी गई। इसके चलते महिलाओं को सफर के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा।