इंडो ग्लोबल कालेजिस द्वारा राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ यूथ डिवेल्पमेंट व अहमदिया भाईचारे के सहयोग से युवा पीढ़ी के देश में शांति स्थापित करने के विषय बारे एक सैमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान युवा पीढ़ी द्वारा देश में शांति, सदभावना व आपसी भाईचारा कायम करने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित करते हुए इसके बीच की रुकावटें व मुश्किलों संबंधी विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर डा दविन्द्र अगोचिया, पूर्व डायरेक्टर, यूथ डिविजन लंडन, सटेनजिन दावा रीजनल डायरेक्टर, अहमदिया भाईचारा के एडिशनल चीफ सचिव, सिराज अहमद सहित कई बुद्धिजीवियों ने इस सैमिनार में शिरकत करते हुए संबंधित विषय बारे विस्तारपूर्वक चर्चा की। इस अवसर पर सिक्कम, बिहार, हिमाचल प्रदेश, यूपी, जम्मू कश्मीर, झारखंड, पंजाब व हरियाणा से इंडो ग्लोबल कालेजिस में शिक्षा हासिल कर रहे लगभग 250 छात्रों ने शिरकत करते हुए संबंधित विषय बारे अहम जानकारी हासिल की। इंडो ग्लोबल कालेजिस के चेयरमैन सुखदेव सिंगला ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए संबंधित सैमिनार के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आद देश में आपसी प्यार व सदभावना को बनाई रखने के लिए युवाओं को आगे आकर एक साकारात्मक कदम उठाना होगा। जबकि इस सैमिनार में इस प्रयास के रास्ते में आने वाली दिक्कतों व रुकावटों बारे विचार विमर्श किया जा रहा है।
रीजनल डायरेक्टर सटेनजिन दावा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आज देश की 60 फीसदी आबादी 35 वर्ष के आस पास है जो देश को तरक्की के रास्ते पर चढ़ाने के साथ साथ नए रास्तों पर ले जाते हुए क्रांतिकारी कदम उठा सकती है। इसके लिए जरूरी है कि युवा पीढ़ी अपनी पिछली नस्लों द्वारा की गई गलतियों व उन द्वारा उठाए गए साकारात्मक कदमों को पहचानते हुए सही दिशा में कार्य करें। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक, जातिवाद व क्षेत्र विवाद की कटड्ता आज भारत में एक गंभीर विषय बनती जा रही है, जिसकी रोकथाम जरूरी है और इसलिए युवा पीढ़ी को जागरुक करते हुए संबंधित कुरीतियों के खिलाफ एकत्र होना पड़ेगा। जबकि युवा पीढ़ी को दी जा रही शिक्षा इन बुराईयों के खिलाफ बेहतरीन हत्यार साबत होगी।
डा दविन्द्र अगोचिया ने अपने संबोधन में कहा कि आज की युवा पीढ़ी बेशक कई कुरीतियों को अपने जीवन से निकाल रही है परंतु फिर भी आपसी प्यार व सदभावना का माहौल पैदा करने के लिए युवाओं को प्रेरित करना जरूरी है। इसके लिए सोशल साईटस, आन लाइन व मीडिया बेहतरीन भूमिका निभा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने नाकारात्मक शांति, साकारात्मक शांति, संस्थागत हिंसा, शारीरक हिंसा व मौखिक हिंसा के अर्थ भी विस्तार से समझाए। उन्होंने युवा पीढ़ी को शांति के राजदूत के तौर पर पेश करते हुए स्कूलों व कालेजों में इस संबंधी जागरुकता कैंप व सैमिनार लगाने की सलाह दी ताकि हर भाईचारे में सदभावना व सहनशीलता पैदा की जा सके।अहमदिया भाईचारे के एडिशनल चीफ सचिव सिराज अहमद ने युवा पीढ़ी में हिंसा के बढ़ रहे रुझान को रोकने के लिए युवा पीढ़ी व छात्र वर्ग को अहिंसा का माहौल न पैदा करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्रश्न उत्तर दौर में भी छात्रों ने कई प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर उपस्थित पैनल ने बेहतरीन ढंग से दिया।