त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने गुरुवार को कहा कि 'निहित स्वार्थ वाले लोग' अफवाहों और सोशल नेटवर्किं ग साइट्स की मदद से 23 अगस्त को हुए जातीय संघर्ष के मद्देनजर जातीय तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने संवाददाताओं से कहा, "प्रशासन ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।"माणिक ने समाज के सभी वर्गो से शांति और सांप्रदयिक सद्भावना बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि 'गलत इरादों वाले' कुछ लोग पूर्वोत्तर राज्य में लंबे समय से कायम सद्भावना और जातीय शांति को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने राज्य में 23 अगस्त को हुई हिंसा की घटना के बारे में पुलिस महानिदेशक के. नागराज से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात की। इस घटना में 24 लोग घायल हो गए थे और 17 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
अगरतला में एक जनजातीय पार्टी 'इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा' (आईपीएफटी) के सदस्यों द्वारा बिना किसी उकसावे के नागरिकों, व्यापारियों और वाहनों पर हमला किए जाने के बाद हिंसात्मक झड़पें शुरू हो गई थीं। आईपीएफटी से जुड़े सैकड़ों जनजातीय लोगों ने एक रैली निकाली थी और महिलाओं समेत राहगीरों पर हमला कर दिया था। इसके बाद दूसरे समुदायों के लोगों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके चलते स्थिति हिंसात्मक हो गई थी।मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने जातीय हिसा की मजिस्ट्रेट जांच कराने का आदेश दिया है और पश्चिमी त्रिपुरा जिले के जिलाधीश और कलेक्टर को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है।"उन्होंने कहा, "केंद्रीय अर्धसैनिक बल राज्य में शांति कायम करने में सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं। 23 अगस्त के बाद से राज्य में कोई नई घटना नहीं घटी है।"आईपीएफटी एक अलग राज्य के निर्माण के लिए आंदोलन चला रहा है।
उसका कहना है कि त्रिपुरा जनजातीय स्वायत्त जिला परिषद क्षेत्र (टीटीएएडीसी) को शामिल कर अलग राज्य बनाया जाए। टीटीएएडीसी का गठन त्रिपुरा के जनजातीय समुदाय के विकास के लिए 1985 में किया गया था। इसके दायरे में रहने वाले लोगों में 90 फीसदी से अधिक जनजातीय हैं।विपक्षी पार्टियों खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से मामले की जांच कराने की मांग की है।सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समेत लगभग सभी पार्टियों ने अलग राज्य की आईपीएफटी की मांग ठुकरा दी है।