दिल्ली में शासन को लेकर दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के बीच चल रही जंग पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल सरकार को करारा झटका देते हुए अपने फैसले में कहा कि उप राज्यपाल दिल्ली सरकार की मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह लेने के लिए बाध्य नहीं हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंतनाथ की पीठ ने फैसले में कहा कि दिल्ली सरकार की अधिसूचनाएं उप राज्यपाल की सलाह के बाद ही जारी की जा सकती हैं।
खंडपीठ ने कहा, "उप राज्यपाल से चर्चा के बिना नीति निर्देश जारी नहीं किए जा सकते।"अदालत ने कहा कि यह संवैधानिक रूप से सही है कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू नहीं कर सकती।अदालत का यह फैसला राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाहों की नियुक्ति के अधिकार और अन्य मुद्दों को लेकर दिल्ली के उप राज्यपाल और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच टकराव से संबंधित नौ अलग-अलग याचिकाओं के मद्देनजर आया है।