अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा जारी प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में अल नीनो प्रभाव व ग्लोबल वॉर्मिग के कारण इस साल फरवरी का तापमान ऐतिहासिक तौर पर सर्वाधिक रिकॉर्ड किया गया। 'माशेबल डॉट कॉम' की एक रिपोर्ट में नासा ने कहा कि इससे पहले सबसे गर्म फरवरी महीना साल 1998 का था, जो अल नीनो के प्रभाव का ही परिणाम था।रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल वॉर्मिग के कारण ग्रहीय जलवायु की आधार रेखा के स्थानांतरण के आधार पर अल नीनो की तीव्रता दोनों साल बराबर रहने के बावजूद फरवरी 2016 में गर्मी साल 1998 की तुलना में 0.846 डिग्री सेल्सियस अधिक रही। नासा के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2016 में वैश्विक औसत सतह तापमान 1951-1980 की तुलना में 1.35 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।फरवरी महीने में 1.35 डिग्री सेल्सियस की यह अनियमितता जनवरी में दर्ज अनियमितता को पार कर गई, जो खुद किसी भी महीने के लिए औसत से रिकॉर्ड अधिक थी।