अमेरिकी अंतरिक्ष एंजेसी नासा ने पश्चिम बंगाल की एक 12वीं की छात्रा सतपरणा मुखर्जी के गोडार्ड इंटर्नशिप प्रोग्राम (जीआईपी) के लिए चुने जाने वाले दावे को खारिज कर दिया है। हालांकि छात्रा अभी भी अपनी बात पर अड़ी हुई है। सतपरणा ने कहा था कि उन्हें गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज (जीआईएसएस) के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठित गोडार्ड इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए चयनित किया गया है। कुछ दिनों पहले किए इस दावे ने अखबारों की खूब सुर्खियां बटोरी थीं, जिसमें सतपरणा की तस्वीर भी छापी गई थी।
सतपरणा ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में दावा किया कि उन्हें नासा ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के लंदन एस्ट्रोबॉयलॉजी सेंटर में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी (नासा संकाय के रूप में) पूरी करने के लिए पूर्ण छात्रवृत्ति देने के लिए चुना है। नासा की ओर से आईएएनएस को आए एक आधिकारिक ई-मेल में इस दावे को खारिज किया गया है। मेल में लिखा है, "हमारे पास ऐसे किसी भी व्यक्ति का रिकार्ड नहीं है
जिसमें उसे इंटर्नशिप, छात्रवृत्ति या किसी अकादमिक या वित्तीय सहायता के रूप में नासा संस्थान, केंद्र और कार्यक्रम के लिए चुना गया हो।" अधिकारी ने जोर देकर कहा, "भारतीय मीडिया ने इसका खूब प्रचार-प्रसार किया, जो वास्तव में हुआ ही नहीं।" इस सबसे से बेफिक्र सतपरणा ने कहा है कि उनके पास अपने दावे को साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं और वह अगस्त माह में ब्रिटेन जा रही हैं। सतपरणा ने आईएएनएस को बताया कि नासा ने गोपनीयता बनाए रखने के लिए इस दावे का खंडन किया है।
सतपरणा के अनुसार, "मेरे पास सभी जरूरी दस्तावेज हैं। मैं उन्हें मेल द्वारा नहीं भेज सकती हूं। मुझे नासा द्वारा गोपनीयता बनाए रखने का आदेश मिला है। आप यहां आकर उन दस्तावेजों को देख सकते हैं।"व्यापक मीडिया कवरेज और स्वेच्छा से दिए साक्षात्कार के संबंध में छात्रा ने कहा कि उन्हें अपनी कहानी बताने के लिए मीडिया चैनलों द्वारा मजबूर किया गया था। सतपरणा ने बताया, "मैं अकेली भारतीय हूं जिसको इस कार्यक्रम के लिए चुना गया है। उन्होंने (नासा) गोपनीयता बनाए रखने के लिए कहा था।
चूंकि यह अब खबर बन चुकी है इसलिए वह इसका खंडन कर रहे हैं।"मीडिया रिपोर्ट ने सतपरणा के हवाले से कहा है कि उन्होंने ब्रिटिश काउंसिल के चेन्नई कार्यालय में नासा वेबसाइट की प्रामाणिकता सत्यापित कराई थी। जबकि ब्रिटिश काउंसिल ने इस दावे का खंडन किया है। ब्रिटिश काउंसिल के एक अधिकारी ने आईएएनएस को ईमेल से बताया, "ब्रिटिश काउंसिल इस झूठे दावे का खंडन और भर्त्सना करती है। ये आधारहीन है और हमारे रिकार्ड के मुताबिक इस पहचान के किसी व्यक्ति ने न तो चेन्नई के हमारे कार्यालय से संपर्क किया है और न ही दौरा किया है। "