हरिशंकर ब्रह्मा ने आज 19वें मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) का पदभार संभाल लिया है। निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त श्री वी.एस. संपत ने कल अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद पद छोड़ दिया था। इससे पहले ब्रह्मा 25 अगस्त, 2010 से चुनाव आयुक्त के पद पर थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1975 बैच (एपी काडर) के अधिकारी ब्रह्मा चुनाव आयोग में आने से पहले ऊर्जा मंत्रालय में सचिव के पद पर थे। 19 अप्रैल, 1950 को जन्मे श्री ब्रह्मा ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय (असम) से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर और सेंट एडमंड्स कॉलेज, शिलांग से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने डोन बॉस्को स्कूल, गुवाहाटी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी।
वह भारत सरकार और राज्य सरकार में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर रहे। नये मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभालने के बाद श्री ब्रह्मा ने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत प्रयास रहेगा कि चुनाव प्रबंधन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए। ईसीआई 25 जनवरी को इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची प्रबंधन प्रणाली (ईआरएमएस) की राष्ट्रव्यापी शुरूआत करने की घोषणा करेगा, जो राष्ट्रीय स्तर पर मतदाता सूची उपलब्ध करायेगा, जिसमें मतदाता अपने सम्पूर्ण विवरण को देख सकेंगे।। ब्रह्मा ने कहा कि आयोग उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद एनआरआई मतदाताओं के लिए मतदाता अधिकारों को बढ़ाने के लिए आधारभूत कार्य योजना बनाएंगा।
पदभार संभालने के मौके पर ब्रह्मा के बयान का पूर्णपाठ इस प्रकार है :-
दोस्तों, मैं हमारी सरकार और मेरे देश द्वारा मुझे सौंपी गई इस जिम्मेदारी से गौरान्वित हूं। मेरा यह सुनिश्चित करने का प्रयास रहेगा कि मैं इस संस्था की प्रतिष्ठा और छवि को बरकरार रख सकूं। मैं यह बताते हुए गौरान्वित हूं कि भारत निर्वाचन आयोग ने हमारे देश के निर्वाचन प्रबंधन में सुनहरे मानक स्थापित किये है। हमारा यह सुनिश्चित करने का प्रयास रहेगा कि हम प्रतिदिन और प्रतिवर्ष इसमें और सुधार ला सकें। मेरी पहली प्राथमिकता और मिशन यह सुनिश्चित करना है कि हम दिल्ली विधानसभा के चुनाव को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न करा सकें। भारत निर्वाचन आयोग का दीर्घकालीन उद्देश्य उत्कृष्टता प्रदान करना है। उन्होंने कहा ''गुणवत्ता, पारदर्शिता और गति को सुधारने की दिशा में मेरा व्यक्तिगत प्रयास रहेगा कि नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। इंटरनेट और डिजिटल तकनीक दोनों हमारे चुनाव प्रबंधन विशेषकर मतदान की गुणवत्ता को सुधार सकते है।''