बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया तथा आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के उस वक्तव्य की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने मंत्रियों तथा विधायकों पर स्थानान्तरणों को उद्योग बनाने का आरोप लगाया है तथा प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के तबादलों पर पूर्ण रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि धूमल के वक्तव्य में मण्डी उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की भारी हार के कारण उनकी क्षीण एवं कुंठित मनोस्थिति झलकती है। उन्होंने कहा कि श्री धूमल भ्रम और अन्तरविरोध मानसिकता वाले व्यक्ति हैं। जब वे स्वयं मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें दृढ़ता का परिचय देते हुए स्थानान्तरणों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए था, किन्तु भाजपा के कार्यकाल में हजारों कर्मचारियों का तबादला किया गया और राजनीतिक आधार पर उनका उत्पीड़न किया गया।
आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में श्री सुजान सिंह पठानिया और श्री प्रकाश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह के योग्य नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार कर्मचारियों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थानान्तरण प्रशासनिक आधार तथा जनहित और कर्मचारियो के आग्रह पर किए जा रहे हैं तथा इनकी संख्या भी अधिक नहीं है। उन्होंने श्री धूमल को याद दिलाया कि भाजपा के कार्यकाल में व्यापक स्तर पर कर्मचारियों का स्थानान्तरण किया गया था और क्षेत्रीय स्तर पर तथा कुछ क्षेत्रों के दुर्गम इलाकों में बड़ी संख्या में पद खाली रखे गए थे, जबकि कई अन्य मनमाफिक क्षेत्रों में कर्मचारियों की संख्या, तय संख्या से कहीं अधिक थी। इस कारण क्षेत्रीय स्तर पर संतुलन बनाने और कार्यप्रणाली का सुधारने के दृष्टिगत स्थानान्तरण आवश्यक थे।
प्रदेश सरकार ने उन कर्मचारियों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया है, जिनका पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में उत्पीड़न किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमण्डल ने हाल ही में प्रदेश के कर्मचारियों के लिए नई स्थानान्तरण नीति को तैयार किया है, जिससे प्रदेश सरकार की अपने कर्मचारियों के प्रति प्रतिबद्धता का पता चलता है। अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में भाजपा सरकार ठोस स्थानान्तरण नीति तैयार नहीं कर पाई, जबकि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने अपने छह माह से कम के कार्यकाल में ही यह नीति तैयार कर ली है। कांग्रेस सरकार ने राज्य प्रशासनिक अधिकरण को बहाल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस अधिकरण की खण्डपीठ धर्मशाला और मण्डी में भी स्थापित की जाएंगी, जिससे कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पूर्ण रूप से गतिशील तथा ऊर्जावान है तथा इसके छह माह के छोटे से कार्यकाल की उपलब्धियां पिछली भाजपा सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल से कहीं बेहतर हैं। धूमल सरकार के कार्यकाल को परखने के बाद जब लोगों ने पाया कि उक्त सरकार पूरी तरह थकी हुई है, तो विधानसभा चुनावों में इसे पूरी तरह नकार दिया गया। यह स्वाभाविक ही है कि चुनाव हारने के बाद श्री धूमल की पार्टी थकी हुई है और अब श्री धूमल चुनावों में हार के बाद राजनीति में बने रहने के लिए ही आधारहीन तथा अप्रमाणिक वक्तव्य जारी कर रहे हैं।