बीती रात करीब नौ बजे ज्वालामुखी के पास देहरा जाने वाली सड़क पर हुए हादसे में युवक की मौत के बाद जो कुछ हुआ उससे साफ कहा ता सकता है कि ज्वालामुखी में कानून का नहीं दंबगो का राज चलता है। सड़क मार्ग करीब नौ घंटे बंद रहा हजारों लोग परेशान हुए ,लेकिन किसी के भी माथे पर शिकन तक नहीं। दरअसल रमणीधाम के पास युवक की मौत के बाद बड़ी तादाद में पास पड़ोस के सैंकड़ों युवा जमा गये व उन्होंने न केवल सड़क मार्ग पर जाम लगा दिया बल्कि लाश को भी सड़क पर ही रख दिया। मृतक की पहचान सुभाष के रूप में हुई, उसकी मौत मौका पर ही हो गई थी। लेकिन गुसाये लोगों ने धरना दे दिया, फिर राजनिति भी शुरू हो गई, लेकिन पुलिस व प्रशासन इस सबमें लाचार दिखा व बाद में कथोग स्कूल के पास से वाहनों को सिहोरपाईं होकर ज्वालामुखी भेजा गया। पूरी रात यह सिलसिला चलता रहा। व हजारों लोग परेशान हुए।
इस दौरान घटनास्थल पर ज्वालामुखी के एस एच ओ सुरेन्दर ठाकुर अपनी टीम के साथ डटे रहे, बाद में धर्मशाला से भी अतिरिक्त बल मंगवाये गये,लेकिन सड़क मार्ग नहीं खुल पाया। अंदोलन कर रहक लोगों को मनाने के तमाम प्रयास विफल रहे। तनाव पूर्ण महौल को बिगाड़ने में कुछ लोगों ने पूरा प्रयास किया। पुलिस के जवानों से बभद्र व्यवहार किया गया, स्थानीय विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी हुई। कुछ लोग भी पिटे। लेकिन शराबियों का जत्था तमाम लोगों के आगे मातम के इस महौल में तांडव मचाता रहा। सुबह करीब छह बजे रास्ता खुला। ज्वालामुखी पुलिस ने बाद में सड़क मार्ग में यातायात में व्यवधान डालने के लिए पवन कुमार ,संजय कुमार व अनिल कुमार के खिलाफ मामला दरज किया है। जबकि मृतक की लाश को पोस्ट मार्टम के लिए देहरा भेजा गया व बाद में परिजनों को सौंप दिया गया।