डी.सी. अभिषेक जैन ने आज यहां विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को मनरेगा के तहत जिला के परंपरागत जल स्रोतों- कुओं, बाबडियों व तालाबों के जीर्णोद्धार व बेहतर रखरखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने खंड विकास अधिकारियों को मनरेगा के तहत अब तक छूट चुके परिवारों के जॉब कार्ड बनाने के कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए और इसके लिए तीन महीने की मियाद भी तय की। उन्होंने कहा कि मनरेगा में बजट की कोई कमी नहीं है और इसके तहत अधिकाधिक विकास कार्यों को अंजाम दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला में अभी तक 70 हजार 578 मनरेगा जॉब कार्डधारक हैं और जॉब कार्ड बनाने के कार्य में तेजी लाये जाने की जरूरत है। उन्होंने साफ हिदायत दी कि किसी भी विभाग की मनरेगा के तहत विकास कार्यों के निष्पादन संबंधी शून्य रिर्पोट नहीं आनी चाहिए। उन्होंने पंचायतों को समय पर बजट रिलीज करने के अलावा 15 दिन के अंदर आकलन और अदायगी करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने मनरेगा वर्करों के लिए कार्यस्थ्थल पर सुविधाएं उपलब्ध करवाए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत अधूरे निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किया जाना चाहिए ताकि लोग इनका लाभ उठा सकें।
उन्होंने बताया कि जिला में ग्रामीण हाटों का निर्माण भी किया जा रहा है जिनमें से प्रत्येक ग्रामीण हाट पर 15 लाख रूपए की राशि खर्च की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इंदिरा आवास योजना के तहत जिला में 3 करोड़ 16 लाख रूपए की राशि खर्च करके 653 आवास निर्मित करने का लक्ष्य है। उन्होंने जिला के प्रत्येक आंगनबाड़ी व स्कूल में शौचालय निर्मित करने के निर्देश भी दिए।डी.सी. ने बताया कि एकीकृत जलागम प्रबंधन कार्यक्रम के तहत जिला में 5 परियोजनाओं की डीपीआर तैयार करी ली गई है जिसके तहत 41 करोड़ 91 लाख रूपए खर्च करके 27943 हेक्टेयर क्षेत्र में चैक डैम, वृक्षारोपण व भूकटाव रोकने के कार्य किए जायेंगे। डीअरडीए के उपनिदेशक व परियोजना अधिकारी रविन्द्र शर्मा ने बैठक में बताया कि चालू वित्त र्वा के दौरान ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए कुल 2002.64 लाख रूपए उपलब्ध हुए जिनमें से फरवरी, 2013 तक 1248.25 लाख रूपए विभिन्न विकास कार्यों पर खर्च किए जा चुके हैं।बैठक में एडीसी दर्शन कालिया , डीआरडीए के परियोजना अधिकारी रविन्द्र शर्मा, कृषि, बागवानी व पशुपालन विभाग के उपनिदेशक, सभी खंड विकास अधिकारी , अईपीएच व वन विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।