हरियाणा में अलग सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) के गठन पर मचे बवाल के बीच अकाल तख्त के जत्थेदार गुरबचन सिंह ने कहा है कि सिख समुदाय इस मुद्दे को अदालत न ले जाएं। इसका निपटारा पंथ के अंदर ही करें। गुरबचन सिंह ने आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में कहा, "मैं पूरी दुनिया के सिखों से अपील करता हूं कि वे इस मुद्दे को अदालत में न ले जाएं। इसका समाधान धर्म के भीतर ही निकाला जाए।"उन्होंने कहा, "अकाल तख्त सिखों की संस्था है। यह किसी पार्टी से नहीं जुड़ा है। यह पूरी तरह स्वतंत्र संस्था है और हर निर्णय बिना किसी पूर्वाग्रह के लेती है। अतीत में कई मौकों पर अकाल तख्त पर दबाव दिया गया।"गुरबचन सिंह ने एचएसजीपीसी मामले पर सफाई देते हुए कहा, "मैं इस बात से सहमत नहीं कि मैं किसी के हाथ की कठपुतली हूं। अगर ऐसा होता, तो मैं अकाली दल को सिख सम्मेलन रद्द करने के लिए निर्देश नहीं देता। यदि मैंने यह निर्णय न लिया होता, तो व्यापक क्षति होती।"अकाल तख्त सिख धर्म की सर्वोच्च पीठ है। इसने 16 जुलाई को हरियाणा में सिख समुदाय के तीन वरिष्ठ सिख नेताओं को पंथ से निष्कासित कर दिया। सिख पंथ से निष्कासित लोगों में हरियाणा के वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा, और वरिष्ठ सिख नेता जगदीश सिंह झिंडा व दीदार सिंह नलवी शामिल हैं।
झिंडा और नलवी एचएसजीपीसी की नवगठित अस्थायी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष हैं। गुरबचन सिंह ने स्वीकार किया कि एचएसजीपीसी विवाद से पंजाब और हरियाणा तथा अन्य स्थानों के सिख बंट रहे हैं, और इससे सिख समुदाय प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। वर्तमान में सिखों के कई समूह हैं। लेकिन अधिकांश सिख चूंकि शिरोमणि अकाली दल के साथ हैं, इसलिए एसजीपीसी में शामिल अधिकांश सिख अकाली दल से हैं।"अकाल तख्त के जत्थेदार ने हाल ही में हरियाणा के गुरुद्वारों के नियंत्रण पर यथास्थिति को बनाए रखने के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल एसजीपीसी नेतृत्व और हरियाणा के सिख नेताओं के बीच ही सुलझाया जा सकता है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि पंथ से निष्कासित सिख नेताओं से कोई बातचीत नहीं होगी। बीते सोमवार झिंडा और नलवी को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर स्थित अकाल तख्त साहिब में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। गुरबचन सिंह ने इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा, "उन्हें इसलिए रोका गया, क्योंकि पंथ से निष्कासित सिख अकाल तख्त में प्रवेश नहीं कर सकते।"