पंजाब की सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल और अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के लगातार विरोध के बावजूद राज्य के सिख नेता जगदीश सिंह झिंडा को शनिवार को हरियाणा में नव गठित हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एचएसजीपीसी) की तदर्थ समिति का पहला अध्यक्ष निर्वाचित कर दिया गया। यहां से 110 किलोमीटर दूर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एचएसजीपीसी की तदर्थ समिति की बैठक हुई जिसमें दीदार सिंह नलवी को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। 11 सदस्यीय समिति के साथ ही अन्य पदाधिकारियों के नाम भी घोषित किए गए हैं।नलवी ने कहा, जिला प्रशासन और पुलिस की निगरानी में हुई बैठक में छह प्रस्ताव पारित हुए।पहले प्रस्ताव के जरिए तदर्थ समिति ने सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार से हरियाणा के गुरुद्वारों से टास्क फोर्स के सदस्यों और एसजीपीसी के स्वयंसेवकों को वापस बुलाने का अनुरोध किया है।हरियाणा स्थित गुरुद्वारों में एसजीपीसी और अकाली दल ने टास्क फोर्स के सदस्यों और नेताओं को तैनात किया है।
यह तैनाती हरियाणा के गुरुद्वारों पर कब्जा करने का विरोध करने के लिए की गई है।एचएसजीपीसी गठित करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का धन्यवाद करते हुए एचएसजीपीसी ने कहा है कि वह अकाल तख्त के सभी फरमानों का पालन करेगा।हरियाणा में पृथक एचएसजीपीसी गठित करने को लेकर अकाली दल और एसजीपीसी ने गहरा विवाद छेड़ रखा है। दोनों ने पृथक समिति का पुरजोर विरोध किया है।सिख धर्म की मिनी संसद कही जाने वाली एसजीपीसी का पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के गुरुद्वारों पर नियंत्रण है। हरियाणा में 72 गुरुद्वारा हैं जिन पर नई व्यवस्था के तहत एसजीपीसी का नियंत्रण खत्म हो जाएगा।