हिमाचल प्रदेश में दहेज के लोभी 10 सालों में 36 महिलाओं की जान ले चुके हैं
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5 दरिया न्यूज (विजयेन्दर शर्मा)
शिमला , 12 Jan 2013
हिमाचल के लोग दहेज के लालच में आकर अपनी ही जीवनसंगिनी को मौत के घाट उतार रहे हैं। दहेज के लोभी 10 सालों में 36 महिलाओं की जान ले चुके हैं। इसके अलावा 2717 महिलाओं को दहेज के लिए तंग किया गया है। पुलिस आंकड़े बताते हैं कि कांगड़ा, मंडी, ऊना जिला महिलाओं को प्रताड़ित करने में सबसे आगे हैं। इन जिलों के लोग महिलाओं पर तरह-तरह के जुल्म ढहाते हैं। लाहुल-स्पीति ही एक ऐसा जिला है जहां एक भी महिला घरेलू हिंसा का शिकार नहीं हुई है। हिमाचल में पिछले दस सालों में दहेज हत्याओं पर नजर दौड़ाई जाए तो 36 महिलाओं को दहेज के लोभी मौत की नींद सुला चुके हैं। वर्ष 2004 में सबसे ज्यादा आठ महिलाओं की जान दहेज के लिए ली गई। वर्ष 2007 में सात महिलाओं को दहेज के लिए मौत के घाट उतार दिया गया। इसी तरह दहेज लोभियों ने 2003 में छह, 2005 में दो, 2006 में चार, 2008 में तीन, 2009 में एक, 2010 में दो, 2011 में एक व 2012 में दो महिलाओं की जान ले ली। दहेज हत्याओं में 90 फीसदी आरोपियों को सजा भी हुई है। अभी भी दहेज के लोभी महिलाओं को मौत के घाट या फिर घरेलू हिंसा से तंग करने से बाज नहीं आ रहे हैं। दूसरी और प्रदेश में 2717 महिलाएं 10 सालों में घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं। पुलिस में दर्ज घरेलू हिंसा के मामलों पर नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2003 में 221 महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हुई हैं। इसके अलावा 2004 में 252, 2005 में 228, 2006 में 260, 2007 में 434, 2008 में 343, 2009 में 284, 2010 में 275, 2011 में 181, 2012 में 239 महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं।