द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि, पीएमके के संस्थापक एस. रामदॉस और एमडीएमके नेता वाइको ने शुक्रवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने के भारत के फैसले पर विरोध जताया। मोदी सोमवार को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। करुणानिधि ने यहां एक बयान में कहा कि तमिलनाडु के लोग शपथ ग्रहण समारोह में राजपक्षे को निमंत्रण और समारोह में उनकी उपस्थिति के फैसले का स्वागत नहीं करते।रामदॉस ने सरकार से राजपक्षे को निमंत्रित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजपक्षे को राष्ट्रपति भवन में निमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए।वाइको शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे जहां वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात कर श्रीलंका के राष्ट्रपति को निमंत्रित किए जाने के फैसले पर विरोध जताएंगे।
यहां मीडिया से बातचीत में वाइको ने सवाल उठाया, "जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे तब श्रीलंका के राष्ट्रपति को उनके शपथ ग्रहण के लिए नहीं बुलाया गया था। आखिर अब क्यों बुलाया जा रहा है?"भाजपा के सहयोगी वाइको ने राजपक्षे को 'तमिलों का हत्यारा' करार दिया और उन्हें 'हजारों तमिल महिलाओं, बच्चों और निहत्थे लोगों' का हत्यारा होने का आरोपी मानते हैं।उन्होंने कहा, "राजपक्षे भारत आते हैं तो यह तमिलनाडु और दुनियाभर के तमिलों के लिए काला दिन होगा।"करुणानिधि ने कहा कि श्रीलंका के तमिल विरोधी रुख के बावजूद उसे मित्र देश मानने की पिछली सरकार की जिद का नतीजा सबको पता है।करुणानिधि ने कहा कि जल्द ही भाजपा सरकार को भी इस सच का अहसास हो जाएगा।तमिलनाडु में कुछ राजनीतिक दलों को छोड़कर सभी प्रमुख पार्टियों ने राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण भेजने का विरोध किया है।तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने गुरुवार को इस आमंत्रण को दुर्भाग्यपूर्ण कहा था।ज्ञात हो कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के सभी आठ देशों के प्रमुखों को मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है।