महानगरों की तर्ज पर शांत हिमाचल में जुर्म का ज्वालामुखी फूटने लगा है, जिस हिमाचल में महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता था, आज वहां पर बलात्कार, मारपीट, दहेज के लिए प्रताड़ित करना व स्नेचिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं। एक साल के अंदर महिला अपराध के 960 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें कांगड़ा, मंडी, शिमला में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। हर दूसरे दिन प्रदेश में महिला की कहीं आबरू लुटी तो कहीं उनसे मारपीट हुई है तो कहीं मौत के घाट उतार दिया गया है। क्राइम चार्ट पर नजर दौड़ाएं तो यह महिलाओं पर बढ़ते अपराध को बयां कर रहा हैं। हिमाचल में 11 महीनों में 27 महिलाओं का कत्ल हुआ है। इसके अलावा 165 से बलात्कार, दो की दहेज के लिए हत्या, 147 का अपहरण, 230 से छेड़छाड़, 78 को आत्महत्या के लिए उकसाना, 239 पर अत्याचार, 61 की लज्जा भंग करने की कोशिश, पांच महिलाओं से चेन स्नेचिंग सहित छह महिलाओं की तस्करी के भी मामले पेश आए हैं। कुल मिलाकर इस वर्ष महिलाओं के अपराध से संबंधित 960 मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि ये मामले पिछले वर्ष की तुलना में 152 कम हैं, लेकिन बलात्कार, अपहरण व छेड़खानी की घटनाएं बीते वर्ष से अधिक हैं। प्रदेश पुलिस ने महिलाओं के प्रति आपराधिक घटनाओं के ग्राफ में दो फीसदी की कमी लाई है। हिमाचल में इस साल 165 बलात्कार की घटनाएं पेश आई हैं। इनमें कांगड़ा में 23, मंडी में 28, शिमला में 21, कुल्लू में 18, सिरमौर 15, सोलन सात, ऊना में पांच , बिलासपुर में 12, पुलिस जिला बद्दी में 10, चंबा में 10, हमीरपुर में आठ, किन्नौर में छह मामले रेप के दर्ज किए गए हैं। बच्चे, महिला व अन्य अपहरण की घटनाओं ने भी प्रदेशवासियों को काफी चिंतित किया है। पिछले एक साल में 168 अपहरण के मामले सामने आए हैं। इनमें कांगड़ा में 51, शिमला में 28, चंबा में 14, ऊना,बीबीएन में आठ-आठ, बिलासपुर, कुल्लू और सोलन में सात-सात, हमीरपुर में छह, सिरमौर में 11, मंडी में 19, किन्नौर में दो मामले अपहरण के प्रकाश में आए हैं। यह बीते वर्षों की तुलना 44 कम हैं। महिलाओं पर अत्याचार के 239, लज्जा भंग करने के 230, चोट पहुंचाने के 684 मामले पुलिस की आपराधिक डायरी में दर्ज हैं।