भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नई दिल्ली में भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) परिसर में लोक प्रशासन में 50वें (स्वर्णिम) उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) में सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की।
लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रायोजित 10 महीने का एक लंबा पाठ्यक्रम है। यह संस्थान केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अधीन भी आता है। प्रतिभागियों में भारत सरकार में उप सचिव/निदेशक या उससे उच्च स्तर के पद या समकक्ष पद पर अखिल भारतीय सेवाओं, रक्षा सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं के वरिष्ठ स्तर के अधिकारी सम्मिलित थे।
इस कार्यक्रम के सफल समापन के बाद प्रतिभागियों को पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा लोक प्रशासन और सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की जाएगी। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) वर्ष 1975 से यह पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन में 50वें उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) को संबोधित करते हुए स्वर्णिम उन्नत व्यावसायिक लोक प्रशासन कार्यक्रम (एपीपीए) का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि सरकार में सेवारत अधिकारियों को दिए जाने वाले उन्नत पाठ्यक्रम उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार भविष्य के लिए तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। केंद्रीय मंत्री महोदय ने सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने कर्मियों को बदलने, उनकी दक्षता बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए 'मिशन कर्मयोगी' शुरू किया है। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय सीखने को सीमित नहीं करना चाहिए और उन्हें सीखते रहना चाहिए तथा साथियों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक प्रशासन में उन्नत व्यावसायिक कार्यक्रम (एपीपीए) के बारे में बोलते हुए कहा कि यह कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी ढांचे को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि अमृत काल में वर्ष 2047 की चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक योग्यताएं प्रदान की जा सकें। उनके अनुसार इसका उद्देश्य सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान प्रदान करना तथा उन्हें नागरिक केंद्रित शासन दृष्टिकोण प्रदान करना है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिभागियों के साथ सार्वजनिक सेवा और सुशासन पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शासन में नियम-आधारित से भूमिका-आधारित दृष्टिकोण में परिवर्तन पर बल दिया गया है।" उन्होंने प्रतिभागियों का संचार और पारस्परिक कौशल विकसित करने के लिए भी मार्गदर्शन किया।
उन्होंने उग्रवाद और आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपने अनुभव साझा किए, जहां जिला मजिस्ट्रेट और सेना अधिकारी दोनों ने संयुक्त सहयोग का उपयोग किया है। डॉ. सिंह ने शिकायत निवारण द्वारा शासन के संदर्भ में सरकार के दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भविष्य के आवश्यक विकास मॉडल के लिए हमारा मार्गदर्शन करने के लिए सूचकांकों का विकास किया गया है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि प्रशासनिक सुधार विभाग भविष्य में तेजी से बदलते परिदृश्य के लिए अधिकारियों की क्षमता को विकसित करने के लिए क्षमता निर्माण आयोग के साथ एक 'दृष्टि पत्र' विकसित कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को बदलती प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बिठाने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग का उपयोग करने का भी निर्देश दिया।
इसके अलावा उन्होंने सही कहा कि मानवीय स्पर्श की हमेशा आवश्यकता होती है। उन्होंने शिकायत निवारण के बाद निपटाए गए मामलों की प्रतिक्रिया लेने के लिए ह्यूमन डेस्क की स्थापना पर प्रकाश डाला, ताकि नागरिकों की सुनवाई हो सके और सुधार की गुंजाइश बनी रहे।केंद्रीय मंत्री महोदय ने शासन में भारत की विशेषज्ञता को साझा करते हुए कहा, “स्वामित्व कार्यक्रम भूमि सुधारों के मामले में अन्य देशों के लिए एक आदर्श के रूप में कार्य करता है।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन भविष्य के लिए एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम होगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों से फीडबैक और सुझाव लिए तथा भविष्य में उन्हें लागू करने का आश्वासन दिया।भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के महानिदेशक श्री एस.एन. त्रिपाठी ने केंद्रीय मंत्री महोदय के निरंतर मार्गदर्शन और सक्रिय नेतृत्व के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री महोदय ने कई सकारात्मक उपायों का समर्थन किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की संयुक्त सचिव (प्रशिक्षण) डॉ. नीला मोहनन ने भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को चलाने के लिए विभाग का मार्गदर्शन करने का श्रेय डॉ. जितेंद्र सिंह को दिया।इस बातचीत के दौरान भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के रजिस्ट्रार श्री अमिताभ रंजन, प्रोफेसर नीतू जैन और डॉ. साकेत बिहारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और सिविल सेवाओं के करीब 30 वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हो रहे हैं।
Dr. Jitendra Singh interacted with senior level officers of Army, Navy, Airforce and Civil services
“Emphasis on shift from rule-based to role-based approach in governance under the leadership of Prime Minister Narendra Modi”, says Union Minister Dr. Jitendra Singh
New Delhi
Chairman IIPA Dr. Jitendra Singh interacted with senior level officers of Army, Navy, Airforce and Civil services at the 50th (Golden) Advanced Professional Programme in Public Administration (APPA) here today at the Indian Institute of Public Administration (IIPA) campus.
The Advanced Professional Programme in Public Administration (APPA) is a 10-month long course sponsored by the Department of Personnel and Training, which also comes under Dr. Jitendra Singh. The participants consisted of senior level officers of all india services, defence services, central services in the rank of Deputy Secretary/ Director or above in the government of India or an equivalent position.
After successful completion of the programme participants will be awarded a Master’s in Public Administration and Public policy by Punjab University. IIPA has been conducting this course since 1975.Addressing the 50th APPA, Union Minister of State (Independent Charge) for Science and Technology, Minister of State (Independent Charge) for Earth Sciences, MoS PMO, Department of Atomic Energy and Department of Space and MoS Personnel, Public Grievances and Pensions, Dr. Jitendra Singh expressed his contention of being a part of the golden APPA.
He said the advanced courses imparted to the officers serving the government are crucial to make them future ready as envisioned by Prime Minister Modi. Highlighting the government’s commitment for capacity building of civil servants, the minister said, we have initiated ‘Mission Karmayogi’ to transform the personnel and increase their efficiency and contribution to nation building.
While performing his duties the learning should not be restricted and he/she should keep on going on the learning curve and encourage peer learning, he said. He shared that personally he himself tries to learn something new every day. Speaking on APPA.
Dr. Singh said this programme has been designed keeping in view the Mission Karmayogi framework to equip officers with the competencies required for them to respond to the challenges of 2047 in Amrit Kaal. According to him the aim is to impart right attitude, skills and knowledge and provide them with Citizen centric Governance Approach.
While sharing his experience in public service and wisdom on good governance with the participants, Dr. Jitendra Singh said, “ Emphasis on shift from rule-based to role-based approach in governance under the leadership of Prime Minister Narendra Modi to empower citizens.”
He also guided the participants to develop communication and interpersonal skills. He shared his experiences in areas affected with militancy and terrorism where both the District Magistrate and Army Officer used joint cooperation. Dr. Singh also highlighted the government's approach in terms of governance by grievance redressal, development of indices to guide us for future required development models.
He also shared that the Department of Administrative Reforms is developing a ‘Vision Document’ along with a capacity building commission to develop officers for a rapidly changing scenario in future. He also directed them to be in sync with the changing technologies and utilize Artificial Intelligence and Machine learning.
However, he rightly mentioned that human touch is always needed and highlighted the establishment of Human Desk to take feedback of cases disposed of after grievance redressal to give the citizen a hearing and allow scope for improvement.
Sharing India’s expertise in governance the Minister said, “SWAMITVA programme acts as a role model for other nations in terms of Land reforms.” He also assured that the National Quantum Mission will be a game changer for the future. On the Sidelines of the event Dr. Jitendra Singh took feedback and suggestions of the participants and assured them to be introduced in the future.
Shri S.N Tripathi, Director General, IIPA expressed gratitude to the minister for his continuous guidance and active leadership. He said the minister has supported many positive interventions. Dr. Nila Mohanan, Joint Secretary (Training), Department of Personnel and Training (DoPT) also gave credit to Dr. Jitendra Singh on guiding the department for carrying out such training programmes.
Shri. Amitabh Ranjan, Registrar IIPA, Prof. Neetu Jain and Dr. Saket Bihari were also present during the interaction. Around 30 senior officers from Army, Navy, Air Force and civil Services are attending the programme.