उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद के तत्वावधान में गठित उद्यमिता निर्माण एवं विकास सलाहकार बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जम्मू-कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश सिंह, आलोक कुमार प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मनदीप कुमार भंडारी, विक्रमजीत सिंह आयुक्त सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, विभिन्न विश्वविद्यालयों के उपकुलपति, निदेशक, सीआईसी दिल्ली विश्वविद्यालयय निदेशक कॉलेज और अन्य बोर्ड सदस्यों ने भाग लिया, जिन्होंने उद्योग-अकादमिक संपर्क को मजबूत करने और कॉर्पोरेट के साथ नई साझेदारी बनाने पर जोर दिया।
उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों से कक्षा में सीखने को फिर से शुरू करने, महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान कौशल विकसित करने और विविध उद्योगों के सहयोग से व्यावहारिक गतिविधियों और परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा में उद्यमिता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पाठ्यक्रम को फिर से तैयार करने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि आज, जम्मू कश्मीर शिक्षा क्षेत्र में नवीन हस्तक्षेपों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने में अग्रणी बनकर उभर रहा है। अब समय आ गया है कि हमारे उच्च शिक्षा संस्थान क्षमताओं का आत्म-मूल्यांकन करें और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप ‘शिक्षा के साथ उद्यमिता‘ के सहयोगी मॉडल पर काम करें।
उन्होंने छात्रों को सलाह देने और उन्हें एक सक्षम वातावरण प्रदान करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जहां वे अपने विचारों और विशिष्ट लक्ष्यों को साकार कर सकें।बैठक में शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उद्यमिता के निर्बाध एकीकरण और डिजाइन योर डिग्री प्रोग्राम के नेतृत्व में प्रगतिशील उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए व्यापक रणनीति पर भी चर्चा हुई।
वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एक्सेंचर पीयूष एन सिंह, सहित उद्योग के अग्रणी विनोद सूद, सह-संस्थापक ह्यूजेस सिस्टिक कॉर्पोरेशन, श्री संजय सलिल, एमडी मीडिया गुरुय इनमोबी की ग्लोबल एसवीपी चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स एवं पब्लिक पॉलिसी ऑफिसर डॉ. सुबी चतुर्वेदी और युवा उद्यमी सुश्री अदिति कक्कड़ और सुश्री गरिमा सिपानी-सह-संस्थापक टिमोनियो डिजाइन ने भी बैठक में भाग लिया और जम्मू कश्मीर में स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किए।