ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज की आयुक्त सचिव मंदीप कौर ने डोडा का दौरा किया, जहां उन्होंने जिला विकास परिषद के साथ मुलाकात की और उनके मुद्दों को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने आज यहां आयोजित एक अन्य बैठक के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की चल रही योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति की भी समीक्षा की।
आयुक्त सचिव के साथ चर्चा के दौरान, डीडीसी पार्षदों और बीडीसी अध्यक्षों ने उत्साहपूर्वक अपने वास्तविक मुद्दों को उठाया। बैठक में, वर्श 2016-2017 और उसके बाद मनरेगा के तहत सामग्री देनदारियों, पीएमएवाई-जी और आवास प्लस घरों के लिए छूटे हुए वास्तविक लाभार्थियों, बीडीओ, जेई की कमी, जीआरएस का मानदेय बढ़ाना, ब्लॉकों में बीडीसी कार्यालय भवनों का निर्माण, यूटी कैपेक्स बजट, पीएमएवाई (जी), मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (जी), कैपेक्स बजट सहित जिले की मानव संसाधन स्थिति से संबंधित और पार्षदों के अन्य स्थानीय मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में अध्यक्ष, जिला विकास परिषद डोडा धनंतर सिंह कोतवाल, उपाध्यक्ष डीडीसी डोडा संगीता रानी, बीडीसी अध्यक्ष, डीडीसी पार्षद, एडीडीसी (सीईओ) डोडा, सीपीओ डोडा, एसीडी डोडा, एसीपी डोडा, बीडीओ और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।आयुक्त सचिव ने कहा कि विभाग ऑनलाइन तंत्र और डिजिटल सेवाओं के माध्यम से अत्यधिक पारदर्शिता के साथ सख्त वित्तीय प्रबंधन प्रणाली का पालन कर रहा है।
पार्षदों द्वारा कुछ अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों का जवाब देते हुए उन्होंने बैठक को बताया कि विभाग में भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारियों के प्रति षून्य सहिश्णुता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग में भ्रष्टाचार या हेराफेरी की किसी भी शिकायत के खिलाफ विस्तृत जांच की जाएगी और दोषी अधिकारी पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान मनदीप कौर ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा लगभग 500 नये पंचायत घर स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने कहा कि विभाग खराब प्रदर्शन वाले जिलों और प्रखंडों से राशि वापस लेने में संकोच नहीं करेगा। उन्होंने आरडीडी के अधिकारियों को यह स्पष्ट कर दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करते समय पीआरआई को भी शामिल करें।
यूटी में पंचायती राज संस्था निरंतर विकास में है, और सरकार जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर में 73वें संशोधन को अक्षरशः लागू करने हेतु प्रतिबद्ध है।बाद में आयुक्त सचिव ने जिला विकास आयुक्त डोडा विशेष महाजन के साथ आरडीडी अधिकारियों के साथ बैठक में जिले में आरडीडी योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने अब तक ब्लॉकवार धनराशि की उपलब्धता और उसके उपयोग पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में अमृत सरोवरों की स्थापना, शिला फलकाम का निर्माण, मनरेगा के तहत पीडी सृजन और समय पर भुगतान, पीएमएवाई-जी, आवास प्लस, यूटी कैपेक्स, आधार सीडिंग, डीडीसी और बीडीसी कार्यालयों का निर्माण, भूमिहीन पीएमएवाई लाभार्थियों को भूमि आवंटन, ओडीएफ प्लस, एसबीएम, डोर टू डोर कचरा संग्रहण, कंपोजिट पिट, 14वें एफसी, जिला कैपेक्स, आईडब्ल्यूएमपी, उम्मीद, और जिले में आरडीडी की मानव संसाधन स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई।
आयुक्त सचिव ने विभिन्न चल रहे कार्यों और विभिन्न योजनाओं के तहत बनाई गई संपत्तियों का भी निरीक्षण किया और आरडीडी अधिकारियों को भविष्य में भी उनके स्थायी उपयोग के लिए संपत्तियों को बनाए रखने के तत्काल निर्देश दिए।उन्होंने प्रत्येक मानदंड के तहत समय पर लक्ष्यों को पूरा करने, गुणवत्ता बनाए रखने और जिले के सतत विकास हेतु संपत्ति बनाने के लिए जिला प्रशासन और आरडीडी डोडा के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया। सभी बीडीसी, डीडीसी और पीआरआई से अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यों की पहचान और निष्पादन हेतु परामर्श करने को कहा।इसके अतिरिक्त उन्होंने उच्च गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित करते हुए स्वीकृत कार्यों को निर्धारित समय के भीतर पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को संबंधितों की जानकारी हेतु, पूर्ण किये गये कार्यों का विवरण विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिये।