पंजाब राज्य ‘मेरा घर मेरे नाम/ स्वामित्व स्कीम’ के साथ एक नया सफ़र तय करने के लिए तैयार है क्योंकि इस मुहिम को सफलतापूर्वक सम्पूर्ण करने के लिए मुकम्मल प्रशिक्षण लेकर मास्टर ट्रेनर तैयार हैं।यहाँ मगसीपा में आज विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) श्री के.ए.पी. सिन्हा के नेतृत्व में मास्टर ट्रेनरों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण प्रोग्राम आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन विशेष सचिव राजस्व-कम-मिशन डायरैक्टर स्वामित्व श्री केशव हिंगोनिया ने किया।
इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में राज्य के सभी 23 ज़िलों के अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (जनरल) और ज़िला राजस्व अफ़सर शामिल हुए। अधिकारियों को संबोधित करते हुए श्री केशव हिंगोनिया ने कहा कि ‘‘राज्य के सामाजिक- आर्थिक विकास को प्रफुल्लित करने वाली स्वामित्व स्कीम ग्रामीण ज़मीनों के मालिकों को उनकी जायदादों के अधिकार देकर और सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहलकदमी उचित भूमि प्रबंधन, ज़मीन के स्वामित्व हक और कब्ज़ा देने सम्बन्धी प्रक्रिया में क्रांतिकारी तबदीली लाने की क्षमता रखती है।“
श्री हिंगोनिया ने कहा कि आज के प्रशिक्षण प्रोग्राम के साथ हमारे मास्टर ट्रेनर इस स्कीम को लागू करने में तेज़ी लाने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए हैं और इनके पास भूमि सर्वेक्षण, मैपिंग और ज़मीन के स्वामित्व देने सम्बन्धी पूरा ज्ञान है, जो ज़मीनी स्तर पर ‘‘स्वामित्व स्कीम’’ की सफलता के लिए ज़रूरी है।उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रौद्यौगिकी के द्वारा गाँवों के विकास के लिए वचनबद्ध है ताकि हरेक घर तक लाभ पहुँचना यकीनी बनाया जा सके।
प्रशिक्षण प्रोग्राम के दौरान राष्ट्रीय स्तर के माहिरों ने विभिन्न सैशनों में अपने तजुर्बे साझा किए। पी.एल.आर.एस. के सलाहकार श्री नरिन्दर संघा ने ‘पंजाब आबादी देह एक्ट 2021’ और इसके नियमों के बारे विस्तारपूर्वक बताया। 'सर्वे आफ इंडिया’ के माहिरों ने लाल लकीर की निशानदेही, ड्रोन का प्रयोग और ज़मीन की वास्तविक स्थिति जैसे विषयों की विस्तार से जानकारी दी।
एन.आई.सी. से आए माहिरों ने ज़मीन के स्वामित्व और प्रॉपर्टी कार्डों का रिकार्ड बनाने के लिए डाटा एंट्री के लिए ‘आबादी देह’ आनलाइन पोर्टल के बारे अवगत करवाया। प्रशिक्षण सैशन के दौरान माहिरों ने अधिकारियों के सवालों के जवाब भी दिए। ज़िक्रयोग्य है कि पंजाब ने इस स्कीम के अधीन विभिन्न क्षेत्रों में पहले ही महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।
इस स्कीम के अंतर्गत अब तक 11,653 नोटीफाईड गाँवों में से 6739 गाँवों की ड्रोन मैपिंग मुकम्मल की जा चुकी है, आबादी देह क्षेत्र के अधीन आती ज़मीनों सम्बन्धी विवरणों और मालिकों की शिनाख़्त के लिए 1633 गाँवों में ज़मीन की वास्तविक स्थिति सम्बन्धी प्रक्रिया मुकम्मल की जा चुकी है, जबकि 15,507 प्रॉपर्टी कार्ड बनाऐ जा चुके हैं।