प्रथम 'पुस्तकालय महोत्सव 2023' के दूसरे दिन आयोजित समापन समारोह में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस महोत्सव का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया जिसका उद्घाटन कल राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया। इस अवसर पर संस्कृति एवं विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और सचिव (संस्कृति) श्री गोविंद मोहन, संयुक्त सचिव (संस्कृति) श्रीमती मुग्धा सिन्हा की भी उपस्थिति रही।
'आजादी अमृत महोत्सव' के दूसरे चरण का हिस्सा पुस्तकालय महोत्सव पढ़ने की संस्कृति को प्रेरित करते हुए भारत में पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है। आज पुस्तकालय महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने सचेत नागरिक को किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सबसे बड़ी ताकत बताया।
इस बात पर जोर देते हुए कि केवल एक सचेत नागरिक ही राष्ट्र-विरोधी ताकतों और नैरेटिव को बेअसर कर सकता है, उन्होंने कहा कि सचेत नागरिक का दर्जा हासिल करने के लिए पुस्तकालय सर्वश्रेष्ठ हैं। धनखड़ ने इस दूरदर्शी पहल के लिए संस्कृति मंत्रालय की सराहना करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इससे देश में पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा “पुस्तकालय के विकास से समाज और संस्कृति का विकास होता है। यह सभ्यताओं और संस्कृतियों की प्रगति का भी एक पैमाना है।”पुस्तकालयों के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी पहल बाधाओं को दूर करती है, सभी नागरिकों को ज्ञान तक पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाती है। सभ्यागत विकास में बदलाव के लिए शिक्षा ही एकमात्र परिवर्तनकारी तंत्र है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लेखन पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया, जिस पर औपनिवेशिक शासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया था। कॉफी टेबल बुक को हमारे संविधान और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे “स्वतंत्रता के लिए, हमारे मूल्यों के लिए भारतीय प्रतिभा का सबसे प्रामाणिक रिकॉर्ड’ बताया।
यह आपको वह उपलब्ध कराता है जो आपसे छिपाया गया था और जो निषिद्ध था।” देश की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए अनगिनत बलिदानों को याद करते हुए उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से प्रत्येक बच्चे को इस अनूठी पुस्तक को पढ़ने के लिए प्रेरित करने को कहा।