केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के जंतर मंतर में बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों से कहा है कि सरकार ने खिलाड़ियों की सारी बातें मान ली हैं। अब उनसे अनुरोध है कि वो लोग निष्पक्ष जांच होने दें, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खेलो इंडिया गेम का शुभारंभ करने लखनऊ पहुंचे थे।इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मोदी सरकार खेल कूद को बढ़ावा दे रही है। इसलिए हमारी सरकार ने इसका बजट बढ़ाया है। जो खिलाड़ी दिल्ली में धरना दे रहे उनकी जो भी जायज मांग थीं सरकार ने मान ली हैं।
दिल्ली पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसलिए पहलवानों को धरना खत्म करना चाहिए।उन्होंने कहा कि जहां तक खिलाड़ियों की मांगों का सवाल है तो मैं यही कहूंगा कि उनकी मांग निष्पक्ष चुनाव की बात थी, उसकी तैयारी की जा रही है।
एक कमेटी गठित करने की मांग थी। वह कमेटी भी गठित कर दी गई है। निष्पक्ष जांच कराने की मांग थी, दिल्ली पुलिस वह भी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना निर्णय दे दिया है। मेरा आग्रह है कि जो भी खिलाड़ी वहां प्रदर्शन कर रहे हैं, वह निष्पक्ष जांच होने दें। दूध का दूध पानी का पानी अलग हो जाएगा।
जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई करेगी।अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने सदा खेल और खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी है। सभी क्षेत्रों में खेलों में भारत लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। हमने बैडमिंटन से लेकर अन्य खेलों तक अच्छा प्रदर्शन किया है।
खेलों में बजट का बढ़ाया गया है। 964 करोड़ से बढ़ाकर 3393 करोड़ कर दिया गया है। 11 खिलाड़ी के ऊपर ढाई से तीन करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।गौरतलब हो कि दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवान 23 अप्रैल से कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल कर बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने का आदेश देने की मांग की थी।दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे। इसके साथ कोर्ट ने कहा कि इस याचिका का उद्देश्य बृजभूषण शरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना था। अब दर्ज हो गई है. ऐसे में हम याचिका बंद कर रहे हैं।