भारत ने म्यांमार को त्रिकोणीय अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में 1-0 से हरा दिया लेकिन प्रमुख कोच इगोर स्टिमाक का मानना है कि मेजबान टीम ने मैच में जिस तरह पूरा दबदबा बनाया हुआ था उसे देखते हुए स्कोरलाइन बड़ी होनी चाहिए थी। मैच में दो महत्वपूर्ण मौकों पर भारत को गोल नहीं दिए गए।
पहला कप्तान सुनील छेत्री को पहले हाफ में फाउल किया गया लेकिन पेनल्टी नहीं दी गयी और एक गोल को ऑफ साइड के चलते अमान्य करार दिया गया। स्टिमाक ने कहा, "मेरे लिए परिणाम 3-0 है 1-0 नहीं।"स्टिमाक ने बुधवार रात मैच के बाद कहा, "मैं अपने खिलाड़ियों को कुछ नहीं कह सकता क्योंकि उन्होंने वही सब किया जिस पर हम सहमत थे।
गोलकीपर अमरिंदर का प्रदर्शन शानदार था और सुनील दुर्भाग्यशाली रहे कि स्कोर नहीं कर सके। वह गोल करने के लिए बेताब थे और हैट्रिक बना सकते थे।"किसी को उम्मीद नहीं थी कि चार दिन पहले आईएसएल का जबरदस्त फाइनल खेलने के बाद छेत्री पूरे 90 मिनट खेलेंगे लेकिन कप्तान की नेशनल ड्यूटी के प्रति भूख और प्रतिबद्धता ने स्टिमाक को उन्हें खेलाने का फैसला लेने के लिए प्रेरित किया।
कोच ने कहा, "सुनील आईएसएल फाइनल के बाद शिविर में पहुंचने वाले पहले खिलाड़ी थे। उन्होंने एक मिनट भी बर्बाद नहीं किया और राष्ट्रीय टीम के साथ जुड़ने के लिए दौड़ पड़े। इससे उनकी भूख और प्रतिबद्धता का पता चलता है। वह टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं और लगातार तीन दिन खेल सकते हैं।"