केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ सफदरजंग अस्पताल में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के एकीकृत चिकित्सा विभाग में एकीकृत चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि एकीकृत चिकित्सा का उद्देश्य एलोपैथी में आधुनिक प्रगति का उपयोग करने के साथ-साथ भारत की समृद्ध विरासत और चिकित्सा ज्ञान की क्षमता का उपयोग करना है।
पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियां दोनों ही स्वास्थ्य और कल्याण के बेहतर अवसर प्रदान करने में मदद करेंगी। इस प्रकार यह समय की मांग है कि विभिन्न चिकित्सा प्रणालियां प्रतिस्पर्धा न करें बल्कि एक दूसरे की पूरक हों। तभी हम अपने नागरिकों की भलाई सुनिश्चित कर सकते हैं और सभी के लिए स्वास्थ्य प्राप्त करने में और मदद कर सकते हैं।
मंडाविया ने आगे कहा, देश ने आखिरकार स्वास्थ्य को अपनी विकास गाथा से जोड़ा है और नागरिकों को अपने स्वास्थ्य के बारे में जागरूक रहना चाहिए जो धन सृजन के लिए महत्वपूर्ण है। जमीनी स्तर तक पहुंचने और स्वास्थ्य सेवाओं के अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए सरकार के समर्पण को दोहराते हुए, मंडाविया ने कहा कि देश भर में 1,56,000 से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) में स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, भारत ने 31 दिसंबर 2022 से पहले 1.56 लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी खोलने की उपलब्धि हासिल की है, जो हमारे नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। इस एकीकृत ²ष्टिकोण के महत्व पर जोर देते हुए मंडाविया ने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ और निजी चिकित्सा क्षेत्र जैसे हितधारक भी इस एकीकृत चिकित्सा ²ष्टिकोण के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
वहीं केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संस्थान द्वारा तेजी से उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा, यह गर्व की बात है कि देश समग्र स्वास्थ्य सेवा की ओर बढ़ रहा है और एकीकृत दवा उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।