बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार
पार्थ चटर्जी पर गाज गिर गई है। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से मंत्रिमंडल से पार्थ की छुट्टी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्थ को मंत्री पद से हटा दिया है। उन्हें तीनों मंत्रालयों से हटाया गया है। गिरफ्तारी के छह दिन बाद उन पर ममता बनर्जी ने कार्रवाई की है।
इस दौरान ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) चटर्जी के पास मौजूद उद्योग, अन्य विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगी। इससे पहले पार्थ के इस्तीफे को लेकर जिस तरह से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अंदर ही सुर उठने लगे थे, इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने अहम बैठक की। पार्थ को मंत्री पद से हटाने के बाद ममता ने बयान दिया कि मेरी पार्टी किसी को नहीं छोड़ती, तुरंत एक्शन लेती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सीएम ममता बनर्जी चटर्जी से पहले ही किनारा कर चुकी हैं। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने उन्हें मंत्रिमंडल समेत सभी पदों से हटाने की मांग की थी। इससे पहले टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने आज ट्वीट कर कहा, 'पार्थ चटर्जी को तुरंत मंत्रालय और पार्टी के सभी पदों से हटाया जाना चाहिए। उन्हें निष्कासित किया जाना चाहिए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईडी ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर अर्पिता मुखर्जी के चार ठिकानों को खंगाला है। कमरों के अलावा वॉश रूम में भी नकदी छिपाकर रखी गई थी। अब तक 53 करोड़ से ज्यादा की नकदी और सोना व डॉलर आदि मिले हैं। इसे देखते हुए ।
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पार्थ चटर्जी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले ही कह चुकी हैं कि वह चाहती हैं कि सच्चाई सामने आए। वह भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हैं। सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं। बनर्जी ने कहा था, 'एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए।