कैंसर में सबसे खतरनाक है फेफड़ों का कैंसर.. खांसी में ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं

Saturday, 20 April 2024

 

 

खास खबरें सरफेस सीडर के साथ गेहूं की खेती को अपनाए किसान: कोमल मित्तल PEC के पूर्व छात्र, स्वामी इंटरनेशनल, यूएसए के संस्थापक और अध्यक्ष, श्री. राम कुमार मित्तल ने कैंपस दौरे के दौरान छात्रों को किया प्रेरित मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी द्वारा फेसबुक लाइव के ज़रिये पंजाब के वोटरों के साथ बातचीत महलों में रहने वाले गरीबों का दुख नहीं समझ सकते: एन.के.शर्मा एनएसएस पीईसी ने पीजीआईएमईआर के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गर्मी की एडवाइजरी को लेकर सिविल सर्जन ने ली मीटिंग अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा बने सैवसोल ल्यूब्रिकेंट्स के ब्रांड एंबेसडर सिंगर जावेद अली ने स्पीड इंडिया एंटरटेनमेंट का गीत किया रिकॉर्ड अनूठी पहलः पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी 19 अप्रैल को फेसबुक पर होंगे लाइव आदर्श आचार संहिता की पालना को लेकर सोशल मीडिया की रहेगी विशेष निगरानी- मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल चुनाव में एक दिन देश के नाम कर चुनाव का पर्व, देश का गर्व बढ़ाए- अनुराग अग्रवाल प्रदेश की 618 सरकारी व निजी इमारतों की लिफ्टों पर चिपकाए गए जागरूकता स्टीकर - मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल सेफ स्कूल वाहन पालिसी- तय शर्ते पूरी न करने वाली 7 स्कूल बसों का हुआ चालान चंडीगढ़ में पंजाबी को नंबर वन भाषा बना कर दिखाएंगे-संजय टंडन 4500 रुपए रिश्वत लेता सहायक सब इंस्पेक्टर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा काबू एलपीयू के वार्षिक 'वन इंडिया-2024' कल्चरल फेस्टिवल में दिखा भारतीय संस्कृति का शानदार प्रदर्शन पंचकूला के डी.सी. पद से हटाए जाने बावजूद सुशील सारवान जिले में ही तैनात रवनीत बिट्टू के विपरीत, कांग्रेस ने हमेशा बेअंत सिंह जी की विरासत का सम्मान किया है: अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग कुंवर विजय प्रताप के भाषण को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और जांच होनी चाहिए: बाजवा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली फतेह दिवस समारोह के लिए निहंग सिंह प्रमुख बाबा बलबीर सिंह को सौंपा निमंत्रण पत्र इंसानी साहस और सच का तानाबाना हैं पुरबाशा घोष की बुक 'एनाटोमी ऑफ़ ए हाफ ट्रुथ'

 

कैंसर में सबसे खतरनाक है फेफड़ों का कैंसर.. खांसी में ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं

Health, Study, Research, Cancer, Lung Cancer, Lung Cancer Symptoms, Lung Cancer Treatment, Lung Cancer Causes, Lung Cancer Types, Lung Cancer Diagnosis
Listen to this article

5 Dariya News

5 Dariya News

5 Dariya News

30 May 2022

कैंसर का नाम सुनते ही हमारे होश उड़ जाते हैं। हमारे जहन में एक बात घर कर चुकी है कि यदि किसी भी इंसान को कैंसर हो जाए तो समझो उसका खेल खत्म। मन में ऐसा डर होना भी जायज है, क्योंकि कैंसर है ही खतरनाक बीमारी। लेकिन क्या आप जानते हैं कैंसरों में फेफड़ों यानी लंग का कैंसर सबसे खतरनाक कैंसर होता है। दुनिया में कैंसर से होने वाले मौतों में फेफड़े के कैंसर से सबसे ज्यादा जाने जाती हैं, लगभग 23 प्रतिशत। आइए जानते हैं लंग कैंसर के बारे में- 

फेफड़ों का कैंसर (लंग कैंसर) एक प्रकार का कैंसर है जो फेफड़ों में शुरू होता है। ये कैंसर तब शुरू होता है जब शरीर में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं यानी जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगती है। फेफड़ों का कैंसर विश्व स्तर पर मौत का एक प्रमुख कारण है। यह भारत में भी प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं मे से एक है। फेफड़ों के कैंसर आमतौर पर ब्रोंकी और फेफड़ों के कुछ हिस्सों जैसे ब्रोंकीओल्स या एल्वियोली की कोशिकाओं में शुरू होता हैं। शरीर के दूसरे अंगों से भी कैंसर फेफड़ों में फैल सकता है। जब कैंसर कोशिकाएं शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में फैलती हैं, तो उन्हें मेटास्टेसिस कहा जाता है।

डॉक्टरों के मुताबिक लंग कैंसर दो प्रकार के होते हैं- स्मॉल सेल कैंसर और नॉन स्मॉल सेल कैंसर। स्मॉल सेल लंग कैंसर तेजी से फैलता है जबकि नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर, स्मॉल सेल लंग कैंसर के मुकाबले कम तेजी से फैलता है। माइक्रोस्कोप से देखने पर स्मॉल सेल कैंसर के सेल्स काफी छोटे दिखाई देते है। यह बहुत मुश्किल से मिलने वाला कैंसर है, फेफड़े के कैंसर वाले आठ में से एक व्यक्ति को स्माल सेल कैंसर होता है। यह कैंसर बहुत तेजी से बढ़ता है। वहीं नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर के सेल्स स्मॉल सेल फेफड़ों के कैंसर से बड़े होते हैं। आमतौर पर यह कैंसर ज्यादा पाया जाता है। लगभग 8 में से 7 लोगो को इस प्रकार का कैंसर होता है। इसके सेल्स तेजी से विकसित नहीं होते हैं और इसका इलाज भी अलग होता है।

नॉन स्मॉल सेल फेफड़े का कैंसर के प्रकार है

एडेनोकार्सिनोमा: यह ज्यादातर युवा आयु समूहों को प्रभावित करता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। यह दूसरों की तुलना में कम घातक है।

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: आमतौर पर उन लोगों में होता है जिन्हें धूम्रपान की आदत होती है।

लार्ज सेल कार्सिनोमा: यह फेफड़ों के कैंसर का सबसे घातक रूप है।

सार्कोमाटॉइड कार्सिनोमा: यह कैंसर का एक कम सामान्य रूप है।

लंग कैंसर के कारण- 

सिगरेट पीना: यह फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारक है। जब आप अन्य रूपों में तंबाकू का उपयोग करते हैं, तो इससे फेफड़ों के कैंसर और अन्य प्रकार जैसे मुंह और एसोफेजेल कैंसर के विकास का खतरा हो सकता है।

ब्रीदिंग रेडॉन: यह एक प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली रेडियोधर्मी गैस है जो सभी मिट्टी और चट्टानों में मौजूद यूरेनियम की कम मात्रा से आती है। रेडॉन में सांस लेते समय, यह फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। विशेष रूप से यह उन लोगों को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है जो धुम्रपान नहीं करता है।

प्रदूषण: कई व्यवसायों में, कई रसायनों और पदार्थों का उपयोग किया जाता है जिनसे फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। ये रसायन एस्बेस्टस, कैडमियम, कोयला, आर्सेनिक, निकल और सिलिका हैं। वाहनों से वायु प्रदूषण और अत्यधिक प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से इसका खतरा और बढ़ जाता है।

लंग कैंसर के लक्षण- 

खांसी में खून आना

हर समय बहुत थकान महसूस करना

बिना किसी कारण के वजन कम होना

भूख न लगना

आवाज का बैठना

सिर में दर्द

हड्डियों में दर्द रहना

लंग कैंसर के लक्षण

लंबे वक्त तक खांसी का रहना

छाती में दर्द

सांस लेने में कठिनाई

लंग कैंसर से बचाव

धूम्रपान न करें- 

यदि आपने कभी धूम्रपान नहीं किया है, तो इसे कभी शुरू न करें। अपने बच्चों से धूम्रपान न करने के बारे में बात करें ताकि वे समझ सकें कि फेफड़ों के कैंसर के इस प्रमुख जोखिम कारक से कैसे बचा जाए। अपने बच्चों के साथ धूम्रपान के खतरों के बारे में बातचीत करें। 

सिगरेट के धुएं के संपर्क में न आएं- 

यदि आप धूम्रपान करने वाले के साथ रहते हैं या काम करते हैं, तो उसे छोड़ने की सलाह दें। उनके कम से कम संपर्क में आएं, व बाहर धूम्रपान करने के लिए कहें। उन क्षेत्रों से बचें जहां धूम्रपान होता है, जैसे कि बार और रेस्तरां, और धूम्रपान करने की जगह।

फल और सब्जियां ज्यादा खाएं-

विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों के साथ एक स्वस्थ आहार चुनें। विटामिन और पोषक तत्वों वाली चीजों को ही अपने खाने में चुनें। गोली के रूप में विटामिन की बड़ी गोलियां लेने से बचें, क्योंकि वे हानिकारक हो सकती हैं। 

हर दिन एक्सर्साइज करें- 

यदि आप रोजाना एक्सर्साइज नहीं करते हैं, तो धीरे-धीरे इसकी शुरुआत करें। सप्ताह के ज्यादातर दिनों में व्यायाम करने की कोशिश करें।

लंग कैंसर का इलाज

यदि फेफड़े के कैंसर की डायग्नोसिस जल्दी यानी स्टेज1, स्टेज 2 और स्टेज 3, पर हो तो सर्जरी से इलाज हो सकता है। कुछ मामलों में सर्जरी और कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से इलाज हो सकता है। फेफड़ों के कैंसर का इलाज कई तरह से किया जाता है, जो फेफड़ों के कैंसर के प्रकार पर और कितनी दूर तक फैल चुका है, इस पर निर्भर करता है। नॉन–स्मॉल सेल लंग कैंसर वाले लोगों का उपचार सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरपी, टारगेट थेरेपी या इन उपचारों के मेलजोल से किया जा सकता है। स्मॉल सेल कैंसर वाले लोगों का आमतौर पर रेडिएशन थेरपी और कीमोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है।

सर्जरी – सर्जरी में ऑपरेशन किया जाता है, जिसमें डॉक्टर कैंसर के ऊतकों को काट कर निकाल देते हैं।

कीमोथेरेपी – कैंसर को मारने के लिए विशेष दवाओं का उपयोग करना। इसमें मरीज को दवा की गोलियां दी जा सकती हैं या नसों के माध्यम से दवाइयों को शरीर में पहुंचाया जाता हैं।

रेडिएशन थेरेपी – कैंसर को मारने के लिए उच्च-ऊर्जा x-ray किरणों का उपयोग किया जाता है।

टारगेट थेरेपी – यह कैंसर को समाप्त करने में कारगर उपाय साबित हो सकती है। इसमें कैंसर को समाप्त करने के लिए दवाइयों का उपयोग किया जाता है।

 

Tags: Health , Study , Research , Cancer , Lung Cancer , Lung Cancer Symptoms , Lung Cancer Treatment , Lung Cancer Causes , Lung Cancer Types , Lung Cancer Diagnosis

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD