स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल लेवल की एजुकेशन और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक संस्थानों के साथ किए गए गठबंधन छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं। इंटरनेशनल टाईअप के माध्यम से पेश किए जाने वाले विभिन्न इंटरनेशनल एकेडमिक प्रोग्राम के तहत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के 1200 से अधिक छात्रों का स्टडी अब्रॉड का सपना पूरा हुआ है। यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के तहत छात्रों ने इंटरनेशनल समर प्रोग्राम, समर ट्रेनिंग, कल्चरल प्रोग्राम, सेमेस्टर एक्सचेंज, क्रेडिट ट्रांसफर प्रोग्राम, हायर एजुकेशन, सेमेस्टर अब्रॉड, इंटर्नशिप प्रोग्राम और प्रोजेक्ट सेमेस्टर के जरिए आवेदन किया था, जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को कनाडा और यूएसए के लिए 100% सक्सेस रेट के साथ वीजा प्राप्त हुआ है, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए 90% सक्सेस रेट और यूके के लिए 80% सक्सेस रेट के साथ वीजा प्रदान किए गए हैं। कोविड काल में एक ओर जहां छात्र अब्रॉड स्टडी के लिए अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे है, वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए जा रहे इंटरनेशनल एकेडमिक प्रोग्राम छात्रों के लिए सार्थक साबित हुए हैं।इस संबंध में जानकारी देते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं ने 68 देशों के 308 विश्वविद्यालयों के साथ एकेडमिक टाईअप स्थापित किया है तथा इन शैक्षणिक समझौतों के माध्यम से अब तक बड़ी संख्या में छात्रों ने कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों की टॉप यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ट्रेनिंग और एक्सपीरिएंस प्राप्त किया है। डा. बावा ने कहा कि इन 308 विश्वविद्यालयों में से 107 यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग प्राप्तकर्ता और 116 विश्वविद्यालय टाइम्ज रैंकिंग प्राप्तकर्ता हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र 1+1 और 1+2 प्रोग्राम के तहत 1 या 2 साल चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में अध्ययन करेंगे और अपनी शेष पढ़ाई विदेशों की टॉप यूनिवर्सिटी में पूरी करेंगे। उल्लेखनीय है कि इन कार्यक्रमों के तहत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों को इंडियन करंसी में कोर्स फीस का भुगतान करना होगा। डॉलर के बजाय इंडियन करंसी में एक साल का ट्यूशन देना भी आर्थिक रूप से व्यवहार्य साबित हुआ है।
उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल एकेडमिक प्रोग्राम के तहत विदेश जाने वाले 90% से अधिक छात्रों को सरकारी या इंस्टीट्यूशनल स्कॉलरशिप मिली है। उन्होंने बताया कि 181 छात्रों को एकेडमिक फीस पर 100% स्कॉलरशिप मिली है, जबकि 29 छात्रों को 100% स्कॉलरशिप आवास के तहत मिली है। इसी तरह 7 छात्रों को 100% स्कॉलरशिप मिली है, जिसमें शैक्षणिक शुल्क, वीजा, हवाई टिकट, बोर्डिंग और लॉजिंग शुल्क शामिल हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को विभिन्न स्कॉलरशिप, पेड इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट सेमेस्टर के माध्यम से कुल 28 करोड़ रुपये का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रमों के तहत, अधिकांश छात्रों ने यूएसए, कनाडा, फ्रांस, इटली, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया जैसे देशों में रुचि दिखाई है, जबकि वॉल्ट डिज्नी वर्ल्ड, एएच, मलेशिया, यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ अलबामा यूएसए, ओकानगन कॉलेज कनाडा आदि पसंदीदा संस्थानों के रूप में उभरे हैं।डा. बावा ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा यूएसए के 25 विश्वविद्यालयों, कनाडा के 19, रूस के 17, यूके के 13 ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के 10-10 तथा न्यूजीलैंड के 11 विश्वविद्यालयों के साथ टाईअप किया गया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को पूर्ण सहयोग प्रदान करने के लिए इंटरनेशनल अफेयर्स का डिपार्टमेंट स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से छात्रों को एक छत के नीचे विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश से लेकर पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अंग्रेजी दक्षता प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा आईईएलटीएस और वीजा इंटरव्यू के लिए तैयार किया जाता है, जबकि संबंधित विभाग वीजा आवेदन तथा डॉक्यूमेंटेशन आदि के लिए छात्रों को उचित मार्गदर्शन भी प्रदान कर रहा है।इस मौके पर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर स. सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यूनिवर्सिटी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से दुनिया भर के अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ अकादमिक समझौते स्थापित करने को विशेष प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि देश के बड़ी संख्या में छात्रों ने यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे इंटरनेशनल एकेडमिक प्रोग्रामों का लाभ उठाया है। छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों के बहुआयामी विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक से अधिक मंच स्थापित किए जाएंगे।