पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लगातार तीसरे वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण के पक्ष से उत्तरी जोन में राज्य द्वारा अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखे जाने पर स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में राष्ट्रीय स्तर पर ओवरऑल दर्जाबन्दी में सुधार करते हुए छठा स्थान हासिल करने पर खुशी जाहिर की है।इस प्राप्ति को बड़े स्तर पर लोगों की भागीदारी का निष्कर्ष बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसका श्रेय शहरी स्तर पर मजबूत ढांचे, मुहिम के द्वारा लोगों के व्यवहार में बदलाव और प्रशिक्षित अमले को दिया जिन्होंने पूरी निष्ठा के साथ काम किया।बीते वर्ष राज्य का राष्ट्रीय स्तर पर दर्जाबन्दी में 7वां स्थान था जो कि साल 2017 के मुकाबले में एक बड़ा सुधार है जबकि राज्य का शुमार सबसे निचले 10 राज्यों में किया जाता था। अब बीते लगातार तीन वर्षों से उत्तरी जोन जिसमें पंजाब के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं, में पंजाब का शीर्ष स्थान बरकरार है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा को भी उनके विभाग द्वारा दर्जाबन्दी में सुधार सम्बन्धी उठाए गए ठोस कदमों के लिए बधाई दी।स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा राज्य के शहरी क्षेत्रों में 4 जनवरी 2020 से लेकर 31 जनवरी 2020 तक 4242 शहरी स्थानीय निकायों (यू.एल.बीज.) में करवाया गया था जिसके नतीजों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरूवार को एक वर्चुअल अवार्ड समारोह के दौरान ऐलान किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान साफ-सफाई अर्थात सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ओ.डी.ऐफ. (खुले में शौच से मुक्ति) स्थिति जिसमें लोगों की राय और उनकी भागीदारी भी शामिल थी, आदि मापदण्डों को ध्यान में रखा गया।विशेष मुख्य सचिव स्थानीय निकाय सतीश चंद्र ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में सबसे निचले 10 राज्यों में शामिल होने की स्थिति में सुधार करते हुए राज्य ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में 9वां, स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 में 7वां और स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में 6वां स्थान हासिल किया है। इस वर्ष चार यू.एल.बीज. जिनमें नगर निगम लुधियाना (मिलियन से ज्यादा आबादी वाला शहर) और नगर कौंसिल नवां शहर भी शामिल है, को सम्मानित किया गया है। नगर निगम लुधियाना को अनूठे प्रयास करने और सभ्यक अमल प्रबंध के लिए सम्मानित किया गया है। नवां शहर ने हैट्रिक बनाते हुए आबादी की श्रेणी में उत्तरी जोन में साफ-सफाई के पक्ष से अपना पहला स्थान कायम रखा है।
साल-2017 के सर्वेक्षण की तुलना में पंजाब के एक लाख से अधिक आबादी वाले 16 शहरों में से 12 ने अपनी दर्जाबन्दी में सुधार किया है और औसतन भारत के एक लाख से अधिक आबादी वाले 434 शहरों में से इन 16 बड़े शहरों की दर्जाबन्दी में 2017 से लेकर 2020 तक 100 पायदान का सुधार देखने को मिला है। इतना ही नहीं बल्कि छोटे शहरों की जोनल स्तरीय दर्जाबन्दी में पंजाब के तीन अलग-अलग श्रेणियों वाले 1009 यू.एल.बीज में से 59 ने अपनी अपनी श्रेणियों में शीर्ष 100 में स्थान बनाया है।मिशन डायरैक्टर अजोय शर्मा ने जानकारी दी कि सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस कूड़ा प्रबंधन) के क्षेत्र में पंजाब द्वारा अपनाई गई नई कार्य विधि का ही निष्कर्ष है कि नगर कौंसिल नवां शहर, मानसा और फिरोजपुर कम कीमत के विकेंद्रीकृत मॉडल के पक्ष से अगुआ बनकर उभरे हैं। इसके अलावा नगर कौंसिल नवां शहर, मंडी गोबिन्दगढ़ऽऔर नगर निगम होशियारपुर भी लिगेसी वेस्ट रैमीडीएशन के क्षेत्र में उभरे हैं।बीते तीन वर्षों में राज्य ने कूड़े के सभ्यक प्रबंधन सम्बन्धी विशेष ध्यान दिया है जिसमें कम कीमत वाले ऐरोबिक हनीकोंब पिट कम्पोस्टिंग के द्वारा गीले कूड़े को कम्पोस्ट करना शामिल है और इसके अलावा मटीरियल रिकवरी फैसीलिटीज भी स्थापित की हैं। राज्य द्वारा ‘जीवाअमृत’ नाम की एक विशेष पहल भी की गई है जिसका मकसद बदबू रहित और तेजी से कम्पोस्टिंग को यकीनी बनाना है। इसके अलावा कम कीमत वाले मकैनिकल सैपरेटर के स्थानीय स्तर पर उत्पादन जिससे पिछले काफी समय से एक ही जगह पर पड़े कूड़े के प्रबंधन (लिगेसी वेस्ट रैमीडिएशन) और कम कीमत के कम्पोस्टर की तरफ भी विशेष ध्यान दिया गया है।सतीश चंद्र ने आगे बताया कि 97 प्रतिशत घरों को डोर टू डोर कुलैकशन के अंतर्गत और 77 प्रतिशत को कूड़े को स्रोत पर ही अलग-अलग करने के अंतर्गत कवर किया गया है। कुल 7776 ट्राई साइकिल और 967 जी.पी.एस. के साथ लैस मोटर वाहनों की सेवाएं यू.एल.बीज द्वारा ली जा रही हैं जिससे अलग किये गए कूड़े को हर घर में से इक_ा किया जा सके। इसके अलावा कम कीमत वाले 6000 हनीकौम कम्पोस्ट पिट, ऐरोबिक कम्पोस्टिंग के मकसद हेतु मुकम्मल कर लिए गए हैं और 192 मटीरियल रिकवरी फैसिलटीज का निर्माण भी पूरा हो चुका है। इसके अलावा मिशन डायरैक्टर ने यह भी बताया कि 1313 पार्कों में खाद बागवानी (ओन-साइट कम्पोस्टिंग ऑफ हॉर्टिकल्चर) भी शुरू की जा चुकी है।ध्यान देने योग्य है कि पंजाब ने हाल ही में भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य और वैलनैस केन्द्रों (एच.डब्ल्यू.सी.) के संचालन सम्बन्धी जारी की गई ताजा दर्जाबन्दी में पहला स्थान हासिल किया है जबकि हरियाणा को 14वां, हिमाचल प्रदेश को 9वां और दिल्ली जिसके स्वास्थ्य सुरक्षा से सम्बन्धित प्रबंधों को बड़ा प्रचारित किया गया था, को 29वां स्थान हासिल हुआ है।