उपराज्यपाल के सलाहकार के.के. शर्मा ने आज बुनकरों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने के अलावा पारंपरिक कला और शिल्प के पुनरुद्धार को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया ताकि उनकी आय बढ़ सके। सलाहकार ने यह बात जम्मू व कश्मीर हथकरघा विकास निगम और जम्मू व कश्मीर हस्तशिल्प निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठकों में कही।बैठक में उद्योग और वाणिज्य के आयुक्त सचिव एम के द्विवेदी, महानिदेशक योजना साहिबजादा बिलाल, निर्देशक हथकरघा बबीला रकवाल, निदेशक हस्तशिल्प मसरत उल इस्लाम, प्रबंध निदेशक जेएंडके हस्तशिल्प विकास निगम हशमत यत्तू, एमडी जेकेएचडीसी राकेश शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।बैठकों की अध्यक्षता करते हुए, सलाहकार ने निगमों को निर्देश दिया कि वे निगमों को आर्थिक रूप से व्यवहार्य और राजस्व पैदा करने वाली उपयोगिताएं बनाने केलिए आवष्यक उपाय करें, केन्द्र षासित प्रदेष अधारित उत्पादों के ब्रांडिंग, गुणवत्ता प्रमाण पत्र, विपणन का सुझाव दें ताकि उन उत्पादों को दुनिया भर में बेचा जा सके।सलाहकार ने जम्मू व कश्मीर के पारंपरिक कला और शिल्प विशेष रूप से पशमीना बुनाई के पुनरुद्धार और प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा जम्मू संभाग से अन्य पारम्परिक षिल्प विशेष रूप से बांस के कामों और बसोहली चित्रों को भी सही तरीके से प्रचारित और विपणन किया जाना चाहिए।‘‘सलाहकार ने उनकी लाभप्रदता बढ़ाने और इन विरासत व्यवसायों में युवाओं को आकर्षित करने के लिए पारंपरिक कला और शिल्प बनाने में शामिल कारीगरों और शिल्पकारों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
सलाहकार शर्मा ने कहा, ‘‘इन पारंपरिक कलाओं के प्रति युवाओं को आकर्षित करने के लिए, निगमों को जेकेईडीआई के साथ मेलजोल की संभावनाओं का भी पता लगाना चाहिए ताकि युवा और इच्छुक उद्यमियों द्वारा स्टार्ट-अप्स षुरू किया जा सकें।‘‘उन्होंने कहा कि इस कदम से लाभ का हिस्सा प्राथमिक हितधारकों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए साझा किया जाएगा।राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने उत्पादों के लिए पहुंच बनाने हेतु उपाय करने के लिए निगमों को निर्देशित करते हुए, सलाहकार ने नेषनल स्कूल ऑफ डिजाइन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी से आवश्यक विशेषज्ञ राय लेने का निर्देश दिया।सलाहकार ने पर्यटन जैसे अन्य सरकारी विभागों के साथ निगमों की विपणन गतिविधियों के अभिसरण का भी निर्देश दिया ताकि बिक्री में वृद्धि दर्ज की जाए जिससे उनकी लाभप्रदता बढ़े।उन्होंने कहा कि उन्हें अपने उत्पादों को उत्पाद, उपलब्धता, विनिर्देशों और मूल्य टैग को दर्शाती एक समर्पित वेबसाइट होने के साथ ऑन लाइन प्रदर्शित करना चाहिए।उन्होंने कहा कि ‘‘डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन उत्पादों की सुपुर्दगी बढ़ाने के अलावा ई-स्पेस पर उत्पादों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए भी काम में लाया जाना चाहिए,‘‘।सलाहकार ने जम्मू और कश्मीर के उत्पादों से स्थानीय लोगों को आकर्शित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अप्रयुक्त बाजारों में प्रदर्शनियां आयोजित करने का भी निर्देश दिया।उन्होंने गैर-निष्पादित अस्तित्व वाले शोरूमों का व्यापक लेखा परीक्षण करने और गैर-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।