केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने आज नई दिल्ली में बेहतर तरीकों और सफल प्रयास विषय पर दो दिवसीय सीसीटीएनएस सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसका आयोजन राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो-एनसीआरबी की ओर से किया गया था। अहीर ने इस अवसर पर सीसीटीएन का एक संक्षिप्त संग्रह भी जारी किया। गृह राज्य मंत्री ने उद्घाटन भाषण में कहा कि 1 अरब 30 करोड़ की आबादी वाले भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में सीसीटीएन प्रणाली और इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी अपराधियों का पता लगाने और उनसे जुड़ी सूचनाएं तेजी से हासिल करने में मदद करेगी। सीसीटीएन प्रणाली की सराहना करते हुए श्री अहीर ने कहा कि सभी राज्यों/संघशासित प्रदेशों को अपराधों की रोकथाम के लिए इस प्रणाली का प्रभावी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके जरिए राज्यों/संघशासित प्रदेशों को पुलिस, अदालतों, जेलों, अभियोजकों फारेंसिक प्रयोगशालाओं और किशोर सुधार गृहों के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय हमेशा से ही देश में पुलिस बलों को आधुनिक बनाने का प्रयास करता रहा है। इसके लिए पर्याप्त वित्तीय मदद भी दी जाती है। इसके तहत ही सीसीटीएनएस के दूसरे चरण को विकसित करने की भी मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक डॉ. ईश कुमार ने कहा कि वर्तमान में देश के 15,655 थानों में से 14,749 थानों और 7,931 अति महत्व वाले कार्यालयों में से 6,649 कार्यालयों को सीसीटीएनएस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है और इनमें बिहार के थानों को छोड़कर अन्य सभी सीसीटीएन के माध्यम से एनडीसी को नियमित रूप से डाटा भेज रहे हैं। सीसीटीएन प्रणाली से नहीं जुड़ने वाले एक हजार थानों में से 894 बिहार के हैं। श्री ईश कुमार ने बताया कि 36 राज्यों और संघशासित प्रदेशों में से 35 राज्यों और संघशासित प्रदेशों ने अपना सिटीजन पोर्टल शुरू किया है जिसके माध्यम से लोग किरायेदारों,घरेलू नौकरों की पहचान, घरेलू नौकरों से संबंधित जानकारी तथा अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं। सीसीटीएन के माध्यम से अमेरिका के ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम के आवेदकों के आपराधिक रिकॉर्ड भी एनसीआरबी, सीसीटीएन प्रणाली के जरिये जांच करता है। सम्मेलन में गृह मंत्रालय के महिला सुरक्षा प्रभाग की संयुक्त निदेशक श्रीमती पुण्य सलीला श्रीवास्तव तथा सीएपीएफ, गृह मंत्रालय और एनआईसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।