रेल संरक्षा पर क्षमता विकास परियोजना के लिए रेल मंत्रालय तथा जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के बीच आज चर्चा रिकॉर्ड (आरओडी) पर हस्ताक्षर किए गए। इस रिकॉर्ड पर रेल बोर्ड के प्रधान कार्यकारी निदेशक एस.के. मिश्रा तथा जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के मुख्य प्रतिनिधि कतसुओ मत्सुमोतो ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर रेल बोर्ड, आर्थिक कार्य विभाग तथा जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। आरओडी भारत के रेल मंत्रालय तथा जापान की भूमि, संरचना, परिवहन तथा पर्यटन (एमएलआईटी) मंत्रालय के बीच 17 फरवरी, 2017 के सहयोग समझौता हस्ताक्षर ज्ञापन का औपचारिकरण है। यह समझौता ज्ञापन भारतीय रेल की संरक्षा में सुधार के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने और सहयोग के लिए किया गया था। आरओडी कार्यक्रम के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यक्रमों को तय करता है और इसमें ट्रैकों का रखरखाव (वैल्डिंग रेल निरीक्षण, ट्रैक सर्किट आदि) तथा रॉलिंग स्टॉक पर फोकस किया गया।
कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों द्वारा कठिन परिश्रम किया गया। इसके लिए अगस्त और नवम्बर, 2017 के बीच जापान के एमएलआईटी, रेल तकनीकी अनुसंधान संस्थान, पूर्व जापान रेलवे कंपनी (जेआर ईस्ट), पश्चिम जापान रेल कंपनी (जेआर वेस्ट) तथा भारतीय रेल मालभाड़ा के प्रतिनिधियों के टीओआर मिशन ने भारत की यात्रा की। इस बात पर सहमति व्यक्त की गई कि उत्तर रेलवे तथा डेडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) सहयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्राप्तियां स्वीकार करेंगी। जापान की टीम डीएफसीसीआईएल तथा उत्तर रेलवे की संरक्षा, सिविल इंजीनियरिंग तथा रॉलिंग स्टॉक दलों के साथ कार्य करेगी। इसके बाद भारत के 60 तकनीकी कर्मी जापान में प्रशिक्षण लेंगे। संरक्षा परियोजना में डीएफसीसीआईएल को शामिल किया गया है ताकि कंपनी संचालन के प्रारंभ से तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल कर सके। संचालन का लक्ष्य चालू वर्ष तथा अगला वर्ष है। यह कार्यक्रम दो वर्षों के लिए होगा। आशा की जाती है कि इससे संरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में तथा भारतीय रेल के तकनीकी कौशल उन्नयन में रखरखाव कर्मियों को लाभ मिलेगा।