प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज झारखंड में एनटीपीसी की पतरातू सुपर थर्मल पावर परियोजना के 2400 मेगावाट वाले प्रथम चरण की आधारशिला रखी। यह झारखंड सरकार और एनटीपीसी की एक सहायक कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के बीच 74:26 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम है। इसके तहत 4000 मेगावाट का कुल क्षमता विस्तार स्थापित किया जाएगा। केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह और झारखंड एवं केन्द्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे। भारत के 19वें राज्य के लिए उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना करते हुए एनटीपीसी की पीवीयूएनएल दो चरणों में इस परियोजना को क्रियान्वित करेगी। प्रथम चरण में 2400 मेगावाट (3x800 मेगावाट) और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट (2x800 मेगावाट) बिजली का उत्पादन किया जाएगा। दूसरे चरण को बाद में क्रियान्वित किया जाएगा। इस परियोजना के तहत 85 प्रतिशत बिजली झारखंड को आवंटित की जाएगी, जिससे आगे चलकर यह राज्य लाभान्वित होगा और इसके साथ ही इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत यह परियोजना घरों में चौबीसों घंटे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। इस परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण ठेका भेल को दिया गया है। पहली यूनिट वर्ष 2022 तक चालू होने की परिकल्पना की गई है और इसके बाद छह-छह महीने के अंतराल पर अन्य दो यूनिटों को भी चालू किया जाएगा। चूंकि एनटीपीसी आसपास के समुदायों का जीवन स्तर बेहतर करने पर फोकस करते हुए समावेशी विकास और सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पीवीयूएनएल पहल से ही स्वच्छ पेयजल एवं नियमित स्वास्थ्य शिविरों की व्यवस्था करने के साथ-साथ निकटवर्ती गांवों में स्थानीय युवाओं के कौशल विकास पर भी अपना ध्यान केन्द्रित करती रही है। परियोजना का काम आगे बढ़ने के साथ ही समुदाय विकास के तहत रोजगार क्षमता बढ़ाने, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, बुनियादी ढांचे के विकास एवं बालिकाओं की शिक्षा पर भविष्य में और ज्यादा फोकस किया जाएगा।